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श्रीमद् रामायण में माता सीता का किरदार निभा रहीं प्राची बंसल बोलीं…

Prachi Bansal on Shrimad Ramayan : सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर श्रीमद् रामायण, ईश्वर राम की कालजयी सीखों के मार्मिक चित्रण से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है. लेटेस्ट एपिसोड इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे ईश्वर हनुमान, माता सीता को खोजने की अपनी खोज में अशोक वाटिका तक पहुंचते हैं और उन्हें राक्षस योद्धाओं की सुरक्षा में एक उपवन में देखते हैं.

हनुमान स्वयं को माता सीता के सामने ईश्वर राम के दूत के रूप में पेश करते हैं और उन्हें वह अंगूठी भेंट करते हैं जो ईश्वर राम ने उनके लिए भेजी थी. जिससे माता सीता के दिल में आशा फिर से बहाल हो गई कि उनके पति अंततः उन्हें ढूंढ लेंगे और उन्हें बचा लेंगे.

जैसे ही हनुमान अशोक वाटिका छोड़ने के लिए आगे बढ़ते हैं, उन्हें एहसास होता है कि वह भूखे हैं और भोजन की तलाश करते समय, उन्हें सुरक्षाकर्मी देख लेते हैं और वह उनसे लड़ना प्रारम्भ कर देते हैं. तानाशाही जल्द ही रावण के छोटे बेटे अक्षय कुमार के ध्यान में आती है, जो उनके बीच युद्ध जैसी स्थिति को जन्म देती है.

अंततः ईश्वर हनुमान अक्षय कुमार को मार देते हैं! रावण का बड़ा बेटा, मेघनाद अपने भाई की मौत की समाचार सुनकर क्रोधित हो जाता है, अपने ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल करके ईश्वर हनुमान को पकड़ लेता है और फिर उन्हें प्रतिशोध के लिए लंका राजा रावण को सौंप देता है.

माता सीता की किरदार निभा रहीं प्राची बंसल ने कहा, माता सीता की किरदार निभाने से मुझे विश्वास की शक्ति को समझने में सहायता मिली है. खासकर अशोक वाटिका में ईश्वर हनुमान से मुलाकात के बाद अनेक कठिनाइयां झेलने के बावजूद, वह ईश्वर राम के अटूट प्रेम और प्रतिबद्धता में अपने विश्वास पर दृढ़ बनी हुई है. उनकी लगातार खोज से शक्ति प्राप्त कर रही है और इस ज्ञान में सांत्वना पा रही है कि उनका बंधन चुनौतियों से परे है.

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