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वेल्स इंस्टीट्यूट ने डॉक्टरेट की उपाधि से इस अभिनेता को किया सम्मानित

चेन्नई के पल्लावरम में आयोजित विस्टा के चौदहवें वार्षिक दीक्षांत कार्यक्रम में मशहूर भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्माता और उद्यमी राम चरण को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया. यह कार्यक्रम पल्लावरम के विस्टास कैंपस में वेलन एरेना में आयोजित किया गया था. शाम चार बजे प्रारम्भ हुए इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की प्रसिद्ध शख़्सियतों ने हिस्सा लिया. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम कार्यक्रम के मुख्य मेहमान थे.

उन्होंने स्नातक विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरक भाषण दिया जिसमें लगातार सीखने, तकनीकी विकास को अपनाने और कौशल विकास के महत्व पर बल दिया गया. उन्होंने समाज में सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला. दीक्षांत कार्यक्रम में स्नातक, परास्नातक और पीएचडी सहित कुल 4555 स्नातकों ने भाग लिया. दीक्षांत कार्यक्रम में विद्यार्थियों को 80 स्वर्ण पदक और 100 पीएचडी उपाधियाँ प्राप्त हुईं.

मानद डॉक्टरेट की उपाधि उनके संबंधित क्षेत्रों में जानकारों द्वारा उत्कृष्ट सहयोग की मान्यता में प्रदान की जाती है. वे हैं इसरो के चंद्रयान-3 परियोजना निदेशक डाक्टर पी वीरामुथुवेल, श्री राम चरण कोनिडेला, फिल्म अभिनेता, डाक्टर जीएसके वेलु, ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर के संस्थापक अध्यक्ष और व्यवस्था निदेशक और पद्म श्री. शरद कमल अचंता, भारतीय पेशेवर टेबल टेनिस खिलाड़ी, चेन्नई. स्नातक कार्यक्रम के बाद, डाक्टर इसारी के विस्टास के संस्थापक-अध्यक्ष गणेश और अदाकार रामचरण कोनिडेला ने मीडिया से मुलाकात की. रामचरण ने खुद को मिले सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया.

वहीं रामचरण कोनिडेला ने बड़ी खूबसूरती से बोला कि इस पहचान की वजह उनके साथ काम कर चुके लोग और फैंस हैं उन्होंने ‘गेम चेंजर’ पर काम करने का अवसर देने के लिए निर्देशक शंकर को धन्यवाद दिया, जो सितंबर या अक्टूबर में पांच भाषाओं में रिलीज होने वाली है. उन्होंने यह भी बोला कि उनके परिवार, खासकर उनकी मां ने इस डॉक्टरेट के लिए आश्चर्य और खुशी व्यक्त की है

डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करने के लिए रामचरण कोनिडेला के चयन के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, डाक्टर इसारी के गणेश ने अपनी अपार प्रतिभा का जिक्र किया और आशा जताई कि वह सिनेमा में और भी बड़े मुकाम हासिल करेंगे वेल्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस न सिर्फ़ विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने और भविष्य के नेताओं का पोषण करने के लिए भी प्रतिबद्ध है जो समाज में सार्थक सहयोग देंगे.

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