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मनीषा ने मणि रत्नम की फिल्म बॉम्बे को ठुकराया, बोलीं…

मनीषा कोइराला डायरेक्टर मणि रत्नम की फिल्म बॉम्बे नहीं करना चाहती थीं. उनका मानना था कि फिल्म में मां का रोल करने के बाद उनका करियर समाप्त हो जाएगा. हालांकि उनके इस निर्णय को किसी भी करीबी ने सपोर्ट नहीं किया था. सबका बोलना था कि वो पागल हैं जो ऐसा कर रही हैं. उन्हें अंदाजा नहीं था कि मणि रत्नम का डायरेक्शन की फील्ड में कितना बड़ा रुतबा है. हालांकि लोगों के समझाने के बाद उन्होंने फिल्म के लिए हामी भर दी थी.

यह सारी बातें स्वयं मनीषा ने हालिया साक्षात्कार में कहीं हैं. इन दिनों वो संजय लीला भंसाली की सीरीज हीरामंडी को लेकर चर्चा में हैं. मनीषा को अंतिम बार कार्तिक आर्यन-स्टारर शहजादा में देखा गया था.

फिल्म का ऑफर मिलने पर कन्फ्यूज थीं मनीषा
यूट्यूब चैनल O2 को दिए साक्षात्कार में मनीषा ने बोला कि उस समय यह धारणा थी कि मां का रोल करने के बाद लोग टाइपकास्ट हो जाते हैं. उन्होंने आगे कहा- मुझे याद है जब मुझे फिल्म बॉम्बे का ऑफर मिला था. इससे पहले मैं 1992 की फिल्म रोजा देखी नहीं थी लेकिन उसका गाना जरूर सुना था. यह भी बड़ी हिट रही थी.

जब मुझसे फिल्म बॉम्बे करने के लिए बोला गया तो मैं थोड़ी कंफ्यूज थी. उस समय बहुत समझदार नहीं थी. इंडस्ट्री में यह मानदंड था कि यंग हीरोइन मां का रोल नहीं प्ले कर सकतीं. इन सब बातों ने मुझे और चिंता में डाल दिया था.

लोगों ने बोला कि बेवकूफ होगी यदि फिल्म को ना कहा- मनीषा
इसी बीच मनीषा की मुलाकात सिनेमैटोग्राफर अशोक मेहता से हुई, जिसके साथ उन्होंने फिल्म सौदागर में काम किया था. उन्होंने मनीषा से बोला था कि वो बेवकूफ ही होंगी यदि वो इस ऑफर को रिजेक्ट करती हैं.

इस बारे में मनीषा ने बताया- मुलाकात के दौरान अशोक मेहता ने मुझसे बोला कि बेटा क्या कर रही हो तुम. क्या तुम जानती हो कि वो किस तरह के फिल्ममेकर हैं? क्या पता है कि उन्होंने किस लेवल का काम किया है? मणि रत्नम की अंतिम फिल्म भी बड़ी हिट साबित हुई थी.

उनकी इन बातों ने मुझे झझकोर दिया. फिर मैं और मां चेन्नई गए. फिर मेरा एक लुक टेस्ट और फोटोशूट हुआ. इसके बाद मैंने फिल्म में शैला बानो का रोल प्ले किया. मनीषा ने आगे बोला कि वो खुश हैं कि वो इस फिल्म का हिस्सा बनीं.

 

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