मनोरंजन

बॉलीवुड के स्ट्रगलिंग स्टार्स का घर है Mumbai की ये जगह

आसमान में उड़ने का सपना लेकर मुंबई आने वाले युवाओं में हजारों ऐसे भी हैं जो अदाकार बनने के लिए यहां आते हैं फिर इनमें अमीर माता-पिता के बेटे भी शामिल हैं, घर से भागकर कुछ पैसों का ‘जुगाड़’ करने आने वाले ‘बागी’ भी और अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेकर आने वाले दिल के टुकड़े भी हजारों लोग मुंबई आते हैं लेकिन यहां रहना और संघर्ष करना इतना सरल नहीं है लेकिन मुंबई में एक क्षेत्र ऐसा भी है, जो इन सबको बड़े प्यार से अपनाता है और वो है अंधेरी का ‘लोखंडवाला’, जिसे हर स्ट्रगलर का घर बोला जाता है‘लोखंडवाला हाउसिंग कॉम्प्लेक्स’ आदर्श नगर, अंधेरी वेस्ट, मुंबई में है इस आवासीय परिसर के कारण ही इस पूरे क्षेत्र को ‘लोखंडवाला’ के नाम से जाना जाता है टीवी इंडस्ट्री की कई प्रसिद्ध शख़्सियतों के साथ-साथ यह क्षेत्र 80 फीसदी स्ट्रगलर्स का घर है वह चाहें तो यहां से चलकर भी अपने ऑडिशन के लिए जा सकते हैं, क्योंकि मुंबई के ज्यादातर प्रोडक्शन हाउस अंधेरी वेस्ट में हैं इस क्षेत्र में फिल्मों के साथ-साथ धारावाहिकों के प्रोडक्शन हाउस होने के कारण यहां रहने वाले लोगों के लिए प्रत्येक दिन होने वाले ऑडिशन में जाना और कास्टिंग डायरेक्टर्स के साथ मीटिंग करना सरल हो जाता है और फिल्मों से पहले ज्यादातर कलाकार अपनी आरंभ करते हैं करियर केवल टीवी के जरिए चलो साथ – साथ प्रारम्भ करते हैं

दरअसल, मुंबई जैसे शहर में हाउसिंग सोसायटियों के कई कठोर नियम हैं इन नियमों के अनुसार सोसायटी अकेले रहने वाले किसी भी महिला/पुरुष को घर नहीं देना चाहती अधिकतर हाउसिंग सोसायटी परिवारों को मकान किराए पर देना पसंद करती हैं यही कारण है कि कुंवारे लोगों के लिए इस शहर में घर ढूंढना काफी चुनौतीपूर्ण है यदि वह बैचलर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा है तो कई बार उसे इस बारे में सुनते ही रिजेक्ट कर दिया जाता है दरअसल, समाज का बोलना है कि देर रात यात्रा करना और घर पर जोर-शोर से पार्टियां करना इंकार है इससे मकान मालिकों को कठिनाई ही होती है उनका बोलना है कि इसका बच्चों पर भी बुरा असर पड़ने लगता हैये सोसायटी जो कहती हैं वो पूरी तरह से गलत नहीं है, लेकिन कुछ लोगों की वजह से ज्यादातर मुंबईकर एक्टर्स को घर किराए पर देना पसंद नहीं करते हैं लेकिन लोखंडवाला उन्हें खुले दिल से स्वीकार करता है इस क्षेत्र में ज्यादातर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग और उनके घर हैं, इसलिए किराए पर घर सरलता से मिल जाते हैं कई बार 2-3 लोग मिलकर एक मकान किराये पर लेते हैं यहां मकान का किराया भी अन्य जगहों की तुलना में थोड़ा कम है 1 बीएचके यानी 440 वर्ग फीट का मासिक किराया 30-40 हजार रुपये है, जबकि 2बीएचके के लिए करीब 50 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं नीति टेलर से लेकर पार्थ समथान, सुशांत सिंह राजपूत, मिर्ज़ापुर की डिंपी यानी हर्षिता गौर अपने शुरुआती दिनों में ‘लोखंडवाला’ में रहती थीं

Related Articles

Back to top button