डिज़्नी प्लस हॉटस्टार का शो ‘शोटाइम’ क्लासिक इमरान हाशमी को लेकर आया वापस
यदि इमरान हाशमी अपने ट्रेडमार्क तत्वों में हैं, तो वह स्क्रीन पर देखने लायक हैं। डिज़्नी प्लस हॉटस्टार का शो ‘शोटाइम’ क्लासिक इमरान हाशमी को वापस लेकर आया है। 2000 के पहले दशक में उनके किरदारों में ‘कोई फर्क नहीं पड़ता’ वाला रवैया था, जिसने जनता को उनका प्रशंसक बना दिया। स्थापित नियमों को तोड़ने का दुस्साहस और परिणामों के प्रति ढिलाई इमरान के सबसे लोकप्रिय पात्रों के डीएनए में पाई जाती है। ‘शोटाइम’ में इमरान का भूमिका इसी डीएनए पर आधारित है। अच्छी बात यह है कि यही एकमात्र कारण नहीं है जो इस शो को मज़ेदार बनाता है।
एंटरटेनमेंट के बाजार का कारोबार
‘शोटाइम’ मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री फैन्स के लिए बहुत दिलचस्प शो है। कोविड लॉकडाउन के बाद मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री की कई परतें खुलासा हुईं। सोशल मीडिया पर इंडस्ट्री के बयानों और खबरों को नजरिए से जांचे जाने की खूब चर्चा हुई, हर कोई इंडस्ट्री के नियमों पर प्रश्न उठा रहा था। भाई-भतीजावाद और फिल्मी परिवारों को लेकर खूब खबरें आईं। जनता को यह जानने में गहरी रुचि थी कि इस मनोरंजन बाजार में क्या होता है, क्यों होता है और कैसे होता है। ‘शोटाइम’ इसी रुचि को संतुष्ट करने के इरादे से बनाया गया शो लगता है। फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े स्तंभों में से एक करण जौहर इसके निर्माता हैं। और जिस तरह से फिल्म इंडस्ट्री के बिजनेस को दिखाया गया है, ये बात पूरे शो में महसूस होती रहती है।
मनोरंजन बाजार में बैठे दुकानदारों की चालाकियां दिखाने के इरादे से बुनी गई कहानी एक मनोरंजन पत्रकार से प्रारम्भ होती है। सिनेमा का शौक लेकर मुंबई आईं मनोरंजन पत्रकार माहिका नंदी को इंडस्ट्री के टॉप प्रोड्यूसर रघु खन्ना (इमरान हाशमी) की फिल्म का 4 स्टार रिव्यू देने के लिए महंगा ‘गिफ्ट’ ऑफर किया गया है। लेकिन अपने वायरल रिव्यू में वह फिल्म की धज्जियां उड़ा देती हैं। और यहीं से कहानी बननी प्रारम्भ होती है। रघु खन्ना जिस विक्ट्री स्टूडियो को चला रहे हैं, उसकी स्थापना उनके पिता (नसीरुद्दीन शाह) ने की है। इसे बनाने के पीछे का मकसद सिनेमा को नयी ऊंचाइयों पर ले जाना था, लेकिन रघु का फोकस फिल्मों की कमाई को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने पर है। वहीं माहिका के रिव्यू के बावजूद रघु की फिल्म ‘प्यार डेंजरस’ बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई कर रही है। पिता-पुत्र की इस झड़प में महिका की एंट्री एक आश्चर्यजनक मोड़ के साथ आती है। हालांकि हिंदी सिनेमा में ये ट्विस्ट रूटीन फिल्मी अंदाज में आता है। लेकिन इसका तर्क ये है कि यदि कोई शख्स, जो कल तक इंडस्ट्री में ‘आउटसाइडर’ था, किस्मत की मेहरबानी से अचानक ‘इनसाइडर’ बन जाए तो क्या होगा?
विक्ट्री स्टूडियोज की कमान अब माहिका के हाथों में है। कल तक इंडस्ट्री पर प्रश्न उठाने वाली माहिका अब स्वयं इसका हिस्सा हैं और इस ‘आउटसाइडर’ लड़की की नजर से आपको इंडस्ट्री के दांव-पेंच और बिजनेस देखने को मिलते हैं। रघु खन्ना अब अपना अलग स्टूडियो प्रोडक्शन हाउस स्थापित कर रहे हैं। जो माहिका कल तक रघु खन्ना की फिल्म को बर्बाद कर रही थी, अब उसे अपने स्टूडियो पर कब्ज़ा करने के लिए रघु का सामना करना पड़ रहा है। कहानी में छोटे-छोटे सबप्लॉट भी हैं। सुपरस्टार अरमान सिंह (राजीव खंडेलवाल), जो कल तक रघु के अनुसार फिल्में कर रहे थे, अब महिका के साथ काम कर रहे हैं। उनकी अदाकारा पत्नी (श्रिया सरन) वापसी की योजना बना रही हैं, लेकिन एक अच्छे प्रस्ताव की तलाश में हैं। महिका का खास दोस्त पृथ्वी (विशाल वशिष्ठ), जो विक्ट्री स्टूडियो में रघु के अधीन काम करता था, अब अपनी स्वयं की फिल्म लिखना चाहता है। रघु खन्ना ने अपनी गर्लफ्रेंड (मौनी रॉय) को फिल्म देने का वादा किया था, लेकिन विक्ट्री स्टूडियो छोड़ने के बाद अब वह मुकर रहे हैं। वहीं एक बिजनेसमैन (विजय राज) है जो अपने बेटे को लॉन्च करने के बजाय रघु को अपनी कंपनी स्थापित करने में सहायता करना चाहता है।
‘शोटाइम’ के पहले सीज़न का पहला भाग 4 एपिसोड में है। और लगभग पौने घंटे लंबे इन एपिसोड्स में बहुत कुछ चल रहा है और असली मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री के मेटा-रेफरेंस बहुत दिलचस्प हैं। करण जौहर ने टाइगर श्रॉफ के साथ एक प्रोजेक्ट ‘स्क्रू ढीला’ की घोषणा की थी, जो अभी बंद हो गया है। ‘शोटाइम’ में ‘स्क्रू लूज़’ नाम की फ़िल्म का कई बार ज़िक्र किया गया है। एक फिल्म व्यवसाय कर रही है बनाम एक फिल्म पुरस्कार जीत रही है, ऐसा लगता है कि फिल्मों के पीछे के दिमाग और मीडिया का भी मनोरंजन में कुछ सहयोग है। ‘शोटाइम’ में अदाकारा जान्हवी कपूर, फिल्म निर्माता नितीश तिवारी, वासन बाला और डिजाइनर मनीष मल्होत्रा सहित कई कैमियो हैं।
अभिनय और निर्देशन
मिहिर देसाई और अर्चित कुमार ने शो को काफी सुन्दर बनाए रखा है। ‘शोटाइम’ एक ऐसा शो है जो इंडस्ट्री की कहानी बताता है और लेखकों ने इसे गंभीरता से लिया है। यहां इंडस्ट्री के नियमों की नकल करके सस्ता-मज़ेदार अहसास पाने की प्रयास के बजाय चीजों को हकीकत के करीब रखने की प्रयास की गई है। ‘शोटाइम’ मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण शो है। इमरान हाशमी इस शो की जान हैं। पिछले कुछ वर्षों में जब इमरान के अंदर का ‘एक्टर’ सामने आने लगा तो उनका पहले वाला ट्रेडमार्क रवैया और स्वैग थोड़ा दबने लगा। लेकिन ‘शोटाइम’ में इमरान के साइड-एक्टर और स्टार दोनों को स्क्रीन पर खुलकर दहाड़ने का मौका मिला है। इमरान की एक्टिंग क्षमता आपको उन दृश्यों में देखने को मिलेगी जहां वह नसीरुद्दीन शाह और विजय राज जैसे सशक्त अभिनेताओं के सामने एक्टिंग करते हैं।
राजीव खंडेलवाल ने एक फिल्म सुपरस्टार की किरदार को भली–भाँति निभाया है और वह इस किरदार में भली–भाँति जम रहे हैं। महिका के रोल में महिमा मकवाना दमदार हैं, लेकिन इमरान के अपोजिट सीन्स में उनमें ‘अपनी अभिनय का दम दिखाने’ की उत्सुकता दिखती है। अन्यथा उनका काम भी कहानी में ध्यान बनाए रखता है। मौनी रॉय का काम भी प्रभावशाली है और शो के बाकी सहायक कलाकार भी कहानी के प्रवाह में सहयोग देते हैं। इस शो में ऐसी बहुत सी बातें नहीं हैं जो ध्यान भटकाती हों, लेकिन यह उन लोगों को पसंद आएगा जिनकी फिल्मी दुनिया में कम रुचि है। जो लोग उद्योग की गपशप और समाचारों पर नज़र रखते हैं वे इसकी कहानी के मेटा-मोमेंट्स का अधिक आनंद ले सकेंगे। शो की गति अच्छी है और कुछ जगहों को छोड़कर यह धीमी नहीं होती है। कुल मिलाकर, ‘शोटाइम’ एक सुन्दर शो है जो उद्योग की जटिलताओं को दिलचस्प ढंग से दिखाता है। इमरान हाशमी सहित अभिनेताओं ने अच्छा काम किया है और फिल्म उद्योग के संदर्भ मनोरंजन को बनाए रखते हैं। इस वीकेंड यह आपको मनोरंजन का अच्छा डोज दे सकता है। शो का पहला भाग प्रभावशाली है, लेकिन दूसरे भाग के लिए हमें जून तक प्रतीक्षा करना होगा।