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इस फिल्म ने बदल दी मनोज बाजपेयी की जिंदगी

मनोज बाजपेयी का जन्मदिन: हिंदी सिनेमा के अद्भुत अभिनेताओं में से एक मनोज बाजपेयी का आज जन्मदिन है. तो फिर उनके जन्मदिन पर आइए उनकी पहली फिल्म और उनके पहले डायलॉग को भी याद करते हैं जिसने उस समय सनसनी मचा दी थी वो डायलॉग था…मुंबई का किंग कौन…भीखू म्हात्रे…फिर इस फिल्म के बाद हर कोई स्वयं को भीखू म्हात्रे कहकर ये डायलॉग बोलने लगा हर कोई स्वयं को मुंबई का किंग समझने लगा सत्या फिल्म ने बदल दी मनोज बाजपेयी की जिंदगी लेकिन इस डायलॉग के पीछे की कहानी भी दिलचस्प है

राम गोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित ‘सत्या’ 3 जुलाई 1998 को रिलीज़ हुई थी. फिल्म में गैंगस्टर्स की काली कहानी को पर्दे पर दिखाया गया है, जिसमें मनोज बाजपेयी, जेडी चक्रवर्ती, सौरभ शुक्ला और उर्मिला मातोंडकर ने बहुत बढ़िया काम किया है. मनोज बाजपेयी ने गैंगस्टर भीकू म्हात्रे की किरदार निभाई, जिसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सहायक अदाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता. यूं तो फिल्म का हर सीन बहुत यादगार था, लेकिन मनोज बाजपेयी के डायलॉग ‘मुंबई का किंग कौन…’ ने महफिल लूट ली.

‘सत्या’ के इस प्रसिद्ध डायलॉग की शूटिंग से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा है यह डायलॉग मनोज बाजपेयी को एक ऊंची चट्टान पर खड़े होकर कहना था, लेकिन शूटिंग लोकेशन पर अभिनेता ने कुछ अलग ही लाइन बोली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिनेता को कुछ सीन शूट करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें ऊंचाई से डर लगता था उन्हें किसी ऊँचे जगह पर खड़े होकर एक संवाद कहना था, लेकिन गिरने के डर से वह अक्सर अपना संवाद भूल जाते थे.

संवादों के पीछे की कहानी:
मनोज बाजपेयी को फिर से ऊंचाई पर ले जाया गया, लेकिन तेज हवाओं के कारण वह फिर से अपने संवाद भूल रहे थे. इसके बाद राम गोपाल वर्मा ने मनोज को पत्थर पर चढ़ने और जो कुछ भी उनके मन में आए उसे कहने के लिए कहा, जिसे वह डबिंग के दौरान बदल देंगे. अंत में, मनोज बाजपेयी चट्टान पर चढ़ गए और चिल्लाए, ‘मुझे यहां से नीचे उतारो, मुझे यहां से नीचे उतारो.’ डबिंग के दौरान इसकी स्थान ‘मुंबई का किंग कौन…’ का ओरिजिनल डायलॉग जोड़ा गया.

संघर्ष से भरी है जिंदगी:
मनोज बाजपेयी ने काफी संघर्ष किया. उन्होंने मुंबई में काफी समय भूखे पेट सड़क पर रहकर बिताया. इसके बाद उन्हें फिल्मी दुनिया में आने का मौका मिला कभी काम ढूंढने के लिए दर-दर भटकते थे मनोज बाजपेयी और आज हैं मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री पर राज. अदाकार मनोज बाजपेयी घर में सबसे बड़े थे, उनके पिता बीमार थे, इसलिए सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी. ऐसे समय में दोहरी जिम्मेदारी निभाते हुए इस कलाकार ने उल्टा समय में भी अपने हुनर ​​को निखारा आख़िरकार उन्हें राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म ‘दौड़’ में एक्टिंग करने का मौका मिला. और फिर उनकी ट्रेन पटरी से उतर गई उनके एक्टिंग से प्रभावित होकर आरजीवी ने उन्हें ‘सत्या’ में कास्ट किया. जिसमें उन्होंने भीखू म्हात्रे का भूमिका निभाया था और उन्हें काफी सराहना मिली थी आज भी मनोज को इसी भूमिका के लिए सबसे अधिक याद किया जाता है. उसके बाद से मनोज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

कई फिल्मों और वेब सीरीज में किया काम:
मनोज बाजपेयी ने राजनीति, मिर्ज़ापुर, गैंग्स ऑफ वासेपुर, सत्याग्रह जैसी कई सुपरहिट फिल्मों और फैमिली मैन जैसी कई सुपरहिट वेब सीरीज में अपना बहुत बढ़िया एक्टिंग किया.

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