आमिर खान की फिल्म ‘सरफरोश’ के इस पांच यादगार पलों पर डाले नजर
नई दिल्ली। डायरेक्टर जॉन मैथ्यू मैथन के निर्देशन में बनी ‘सरफरोश’ वर्ष 1999 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में आमिर खान ने अपनी दमदार अदाकरी से ऑडियंस के दिलों को जीत लिाय था। आज ‘सरफरोश’ अपनी 25वीं एनिवर्सरी सेलिब्रेट कर रही है।
इस खास मौके पर आमिर खान की फिल्म ‘सरफरोश’ के पांच यादगार पलों पर नजर डालते हैं, जिन्होंने दर्शकों पर अपनी कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है।
आमिर खान का पुलिस का किरदार
एसीपी अजय सिंह राठौड़ के रूप में आमिर खान की किरदार फिल्म का सबसे बेहतरीन हिस्सा है। निष्ठावान पुलिस अधिकारी के रूप में उनकी गंभीर और गहन अभिनय वाकई बहुत बढ़िया है। आमिर खान ने इतना बेहतरीन काम किया है कि उनके एक्टिंग को भूलना कठिन है।
लव स्टोरी
आतंकवाद और स्मग्लिंग जैसे गंभीर विषयों पर आधारित कई पुलिस फिल्मों में, लव स्टोरी अक्सर ऐसा महसूस कराती है कि यह केवल स्थान भरने के लिए है या बाद में जोड़ी गई हैं। लेकिन ‘सरफरोश’ में ऐसा नहीं है। फिल्म में आमिर खान और सोनाली बेंद्रे के बीच रोमांस को 90 के दशक की कई दूसरी फिल्मों की तरह किनारे नहीं किया गया। इसके बजाय, इसे अच्छी तरह से किया गया और इंटेंस पुलिस इन्वेस्टिगेशन और एक्शन के बीच में इसे किसी खूबसूरत स्पर्श की तरह पेश किया गया।
कास्ट और उनकी परफॉर्मेंस
फिल्म में एक अनोखी कास्ट थी, लेकिन हर अभिनेता ने कमाल का काम किया। आमिर खान की अभिनय वाकई लाजवाब थी और इसने उनके टेलेंट को दर्शाया था। ‘सरफरोश’ ने एक अभिनेता के रूप में उनके बारे में हमारी धारणा बदल दी थी, जिसमें उनकी वर्सेटिलिटी को बहुत बढ़िया ढंग से दिखाया गया था। सोनाली बेंद्रे ने सीमा का रोल एकदम परफेक्ट किया था, और नसीरुद्दीन शाह का गुलफाम हसन भी उनके सबसे पसंदीदा किरदारों में से एक है, यह बोलना बड़ा स्टेटमेंट है। मुकेश ऋषि की अभिनय भी फिल्म में अच्छी और सभी को सरप्राइस करने वाली थी। क्योंकि वे ज्यादातर निगेटिव किरदारों के लिए जाने जाते थे, लेकिन इसमें उनका भूमिका अलग था। आकाश खुराना, वल्लभ व्यास, अखिलेन्द्र मिश्रा, प्रदीप रावत, सलीम शाह और राजेश जोशी जैसे एक्टर्स की टीम भले ही बड़े नाम नहीं थे, लेकिन उनमें से हर एक ने अपने-अपने लेवल पर यादगार अभिनय की थी।
म्यूजिक
इस फिल्म ने जगजीत सिंह का ‘होशवालों को समाचार क्या’ के साथ हमें उस पीढ़ी के सबसे प्रसिद्ध लव सॉन्ग में से एक दिया। भले ही यह फिल्म का सबसे प्रसिद्ध गाना है, लेकिन म्यूजिक डायरेक्टर जोड़ी जतिन-ललित ने हमें ‘सरफरोश’ के रूप में एक बहुत ही वर्सेटाइल एल्बम दिया ‘जो हाल दिल का’, ‘इस दीवाने लड़के को’ और ‘मैं तेरी दुल्हन बन जाऊं’ जैसे गानों ने फिल्म के साउंडट्रैक को बहुत रंगीन बनाया।
सादगी और भावनात्मक जुड़ाव
‘सरफरोश’ ने जैसे सीमा पार से आतंकवाद और तस्करी, जैसे गंभीर मसलों को बहुत रियलिस्टिक और रियल अंदाज में दिखाया था, लेकिन इन सब के बावजूद कभी भी इसने डॉक्यूमेंट्री जैसा फील नहीं दिया। फिल्म में असलियत और सादगी का बहुत ही खूबसूरत बैलेंस है, जो कंटेंट को समझने और पसंद करने के लिए नहीं, बल्कि मस्ती से भरपूर बनाता है। फिल्म ने जहां आवश्यकता थी, वहां इमोशंस और जहां आवश्यकता थी वहां सादगी के साथ रियलिस्टिक टच देते हुए कहानी को क्रिस्प बनाया।