मनोरंजन

अख्तर ने डिजिटल संस्था ‘मोजो स्टोरी’ से साक्षात्कार के दौरान कहा…

जावेद अख्तर ने समस्याग्रस्त दृश्यों वाली फिल्मों की व्यावसायिक कामयाबी को घातक प्रवृत्ति करार देने वाले अपने पूर्व के बयान का जिक्र करते हुए बोला कि जब ‘एनिमल’ फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा उनके 53 वर्ष के काम में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं खोज पाए तो उन्हें यह देखकर बहुत खुशी हुई.

अख्तर ने इस वर्ष की आरंभ में एक कार्यक्रम के दौरान वांगा की फिल्म पर साफ रूप से कटाक्ष करते हुए सिनेमा की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी, लेकिन उन्होंने फिल्म का नाम नहीं लिया था. फिल्म निर्देशक को यह बात पसंद नहीं आई थी और उन्होंने अख्तर की कला को ‘‘झूठा’’ करार दिया था.

इस फिल्म में रणबीर कपूर ने ऐसे हिंसक आदमी का भूमिका निभाया था जो अपने पिता की स्वीकृति के लिए बेताब है. इस फिल्म को हिंसात्मक और महिला द्वेष सामग्री वाले दृश्यों के लिए निंदा झेलनी पड़ी. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 900 करोड़ रुपये कमाकर 2023 की सबसे अधिक कमाई करने वाली हिंदी फिल्मों में से एक रही.

अख्तर (79) ने डिजिटल संस्था ‘मोजो स्टोरी’ से इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘‘जब उन्होंने या उनकी टीम ने उत्तर दिया तो मुझे बहुत खुशी हुई. मैंने सम्मानित महसूस किया. मेरे 53 वर्ष के करियर में उन्हें एक भी फिल्म, एक भी पटकथा, एक भी दृश्य, एक भी संवाद या एक भी गाना ऐसा नहीं मिला, जिसके लिए वे कह सकें कि ‘देखो, ये तुमने लिखा है और तुम मेरी फिल्म के बारे में बात कर रहे हो’.

उन्होंने बोला कि जब ‘एनिमल’ के निर्देशक को उनके काम में कोई गंदगी नहीं दिखी, तो उन्होंने ‘‘मिर्जापुर’’ के लिए उनके बेटे फरहान अख्तर को निशाना बनाने का निर्णय किया.
अख्तर ने कहा, ‘‘उन्हें मेरे बेटे के कार्यालय जाना पड़ा और उन्हें एक ऐसा टीवी धारावाहिक मिला, जिसमें फरहान ने न तो एक्टिंग किया, न ही उसका निर्देशन किया और न ही उन्होंने उसे लिखा. उनकी कंपनी ने इसका निर्माण किया है.

आजकल, एक्सेल जैसी बड़ी कंपनियां बहुत सी चीजों का निर्माण कर रही हैं. तो उनमें से एक यह (मिर्जापुर) था. उन्होंने इसका जिक्र किया. इससे मुझे बहुत खुशी हुई. आप मेरे करियर के 53 वर्ष में कुछ भी नहीं ढूंढ़ पाए. कितनी लज्जा की बात है.’’

उन्होंने बोला कि उन्होंने अपने बयान में फिल्मकार की आलोचना नहीं की थी.
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक समाज में उन्हें (वांगा को) एक ‘एनिमल’ और ‘एनिमल’ जैसी कई फिल्म बनाने का अधिकार है. मैं दर्शकों को लेकर चिंतित था, फिल्म निर्माता को लेकर नहीं. उन्हें किसी भी तरह की फिल्म बनाने का अधिकार है. वास्तव में लोगों को पोर्न बनाने का अधिकार होना चाहिए और इसे ‘केवल वयस्कों के लिए’ रिलीज किया जाना चाहिए.’’

अख्तर ने बोला कि कोई फिल्म निर्माता ‘एनिमल’ में कपूर द्वारा निभाए रणविजय जैसे समस्याग्रस्त चरित्रों को सम्मानित रूप में दिखा सकता है लेकिन करोड़ों लोगों द्वारा इसकी सराहना किया जाना उनकी ‘‘चिंता का विषय’’ है.

उन्होंने समान नागरिक संहिता पर भी बात की और कहा, ‘‘मैं कल से नहीं, बल्कि कई सालों से समान नागरिक संहिता का समर्थक हूं लेकिन समान नागरिक संहिता के नाम पर जो हो रहा है वह बेतुका है.

समान नागरिक संहिता के बैनर तले इसे मुसलमान या अल्पसंख्यकों पर धावा करने के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. यह निष्पक्ष और तार्किक होना चाहिए और केंद्र की ओर से होना चाहिए. इस पर गहन चर्चा होनी चाहिए.

 



Related Articles

Back to top button