SEBI ने ‘जी-बिजनेस’ के 15 एक्सपर्ट्स को प्रॉफिट को लौटाने को कहा…
सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इण्डिया (SEBI) ने टीवी चैनल ‘जी-बिजनेस’ के 15 एक्सपर्ट्स को 7.41 करोड़ के प्रॉफिट को लौटाने को बोला है। इन सभी एक्सपर्ट्स पर एडवांस इंफॉरमेशन के आधार पर अवैध फायदा कमाने का इल्जाम है। एक्सपर्ट्स ने 1 फरवरी 2022 से 31 दिसंबर 2022 के बीच चैनल पर अपने व्यू शेयर किए थे।
इनमें निर्मल कुमार सोनी, पार्थ सारथी धर, SAAR कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड, मनन शेयरकॉम प्राइवेट लिमिटेड, कन्ह्या ट्रेडिंग कंपनी, नितिन छलानी, रूपेश कुमार माटोलिया, अजयकुमार रमाकांत शर्मा, SAAR सिक्योरिटीज इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड, रामावतार लालचंद चोटिया, किरण जाधव, आशीष केलकर, मुदित गोयल, हिमांशु गुप्ता और सिमी भौमिक शामिल हैं।
SEBI ने एक्सपर्ट्स के एकाउंट सीज किए
सेबी ने अपने आदेश में बोला कि उनमें से कुछ को अगले आदेश तक बाजार में ट्रेडिंग करने से रोक दिया गया है। कुछ के बैंक एकाउंट से डेबिट को बैन कर दिया है और उनकी म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स से रिडम्पशन को कम कर दिया है।
इसके अतिरिक्त उन्हें डेरिवेटिव बाजार में अपनी ओपन पोजीशन को बंद करने के लिए तीन महीने का समय दिया है। सेबी ने इन एक्सपर्ट्स को 3 कैटेगरी- प्रॉफिट मेकर्स, इनेबलर्स और गेस्ट एक्सपर्ट्स में बांटा है।
अब जानते हैं किसने क्या किया …
- गेस्ट एक्सपर्ट्स : टीवी पर आकर शेयरों या स्टॉक्स के बारे में टिप्स शेयर किए। हालांकि ये एडवाइस पहले से ही प्रॉफिट मेकर्स के साथ शेयर कर चुके होते थे।
- प्रॉफिट मेकर्स : इन लोगों ने एक्सपर्ट की ओर से दी गई एडवांस इंफॉर्मेशन के आधार पर ट्रेडिंग की और प्रॉफिट कमाया। प्रॉफिट मेकर्स ने बाजार से कमाए मुनाफे को इन एक्सपर्ट्स के साथ शेयर किया। जिसको लेकर पहले से ही डील हुई थी।
- मार्केट एनेबलर्स : मार्केट एनेबलर्स उन लोगों को बोला जाता है, जो कैपिटल प्रोवाइड कराए बिना ही बाजार को अपने लिए सुविधाजनक बनाते हैं।
कब हुई थी जांच?
फरवरी और दिसंबर 2022 के बीच चली सेबी की जांच में बैंक और अन्य डिटेल्स के साथ SMS, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम चैट का विश्लेषण किया। कुछ गेस्ट एक्सपर्ट ने शो से पहले टिप्स शेयर करने की बात स्वीकार की और सेबी को दिए गए बयानों में प्रॉफिट शेयरिंग मॉडल को भी स्वीकार किया।
SEBI ने अपने आदेश में क्या कहा?
सेबी के होल-टाइम मेंबर कमलेश वार्ष्णेय ने अपने आदेश में बोला कि इन एक्सपर्ट्स ने डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से पहले से ही जानकारी प्राप्त कर करीब 7.41 करोड़ रुपए का फायदा कमाया है।
उन्होंने कहा, यह अवैध है और SEBI के नियमों के विरुद्ध है। क्योंकि उन्हें आगे होने वाली घटनाओं के बारे में पहले से पता था। इससे सामान्य निवेशकों को हानि हुआ है।
सेबी ने बोला कि एक्सपर्ट्स का मानना था कि उनके दिए गए रिकमेंडेशन के आधार पर सामान्य निवेशक शेयरों की खरीदारी करेंगे। इससे स्टॉक्स के प्राइस और वॉल्यूम उनके अनुसार बढ़ेंगे।
TV प्रसारण के दौरान कारोबार में तेजी देखी गई
कमलेश वार्ष्णेय ने बोला कि टीवी पर इनके शो के प्रसारण से 15 मिनट पहले बड़ी मात्रा में शेयरों का कारोबार देखा गया। वहीं प्रसारण के दौरान शेयरों में उनके मन अनुसार परिवर्तन देखे गए और उस दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम में भी बढ़ोतरी देखी गई थी।
उन्होंने बोला कि एक्सपर्ट्स का मानना था कि उनके दिए गए रिकमेंडेशन के आधार पर सामान्य निवेशक शेयरों की खरीदारी करेंगे, इससे स्टॉक्स के प्राइस और वॉल्यूम उनके अनुसार बढ़ेंगे। ऐसा होते देखा भी गया था।
जी-बिजनेस को रिकॉर्ड्स और डॉक्यूमेंट मेंटेन रखने को कहा
मार्केट रेगुलेटर ने इन जानकारों के बैंक एकाउंट डिटेल्स साथ उनके SMS, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम चैट का एनालिसिस किया। सेबी ने एक्सपर्ट्स को डेरिवेटिव बाजार में अपनी पोजिशन को बंद करने के लिए 3 महीने का समय दिया है। SEBI ने जी-मीडिया से भी आखिरी आदेश आने तक सभी रिकॉर्ड्स और डॉक्यूमेंट मेंटेन रखने को बोला है।