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RBI गवर्नर ने कहा- देश में महंगाई के मोर्चे पर मिली सफलता

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बोला है कि महंगाई के मोर्चे पर मिली कामयाबी को टिकाऊ बनाने की आवश्यकता है. दास ने इस महीने की आरंभ में मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में नीतिगत रेट में यथास्थिति बनाये रखने के लिए मतदान करते हुए यह बात कही. आरबीआई ने शुक्रवार को एमपीसी की बैठक का ब्योरा जारी किया. इसके अनुसार अन्य सदस्यों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सियासी घटनाक्रम से कीमतों पर पड़ने वाले असर पर चिंता जताई.

फरवरी से यथावत है रेपो रेट

मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने नीतिगत रेट रेपो को 6.5 फीसदी पर बनाए रखने का निर्णय किया. महंगाई पर चिंताओं के बीच रेपो रेट फरवरी 2023 से इसी स्तर पर बनी हुई है. दास ने कहा, ”महंगाई को कम करने के लिए पिछले दो सालों में जो फायदा हुआ है, उसे बरकरार रखना होगा. टिकाऊ आधार पर सकल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य तक लाने के लिए काम करना होगा.” एमपीसी के छह सदस्यों में पांच ने नीतिगत रेट में यथास्थिति के पक्ष में मतदान किया था.

जयंत वर्मा ने कटौती की बात कही थी

एमपीसी सदस्य जयंत आर वर्मा ने हालांकि रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की वकालत की थी. उनकी दलील थी कि अधिक ब्याज रेट से ग्रोथ प्रभावित होती है. ब्योरे के अनुसार बैठक में दास ने बोला कि महंगाई 2024-25 में घटकर 4.5 फीसदी हो सकती है. उन्होंने यह भी बोला कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी तनाव और कमोडिटी की कीमतों तथा सप्लाई चेन्स पर उनके असर भी महंगाई को लेकर अनिश्चितताओं को बढ़ा रहे हैं.

ये हैं एमपीसी के सदस्य

एमपीसी में शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं. आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास, डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा और कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन केंद्रीय बैंक का अगुवाई करते हैं. पात्रा ने बोला कि मौद्रिक नीति के प्रतिबंधात्मक रुख में किसी भी तरह की कमी की स्थिति अभी तक नहीं बनी है. गोयल ने बोला कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सुधार होता दिख रहा है, लेकिन ग्रोथ मिलीजुली है और भू-राजनीतिक जोखिम बने हुए हैं.

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