Nestle: आप भी अपने बच्चे को दे रहे Cerelac… तो हो जाएं सावधान
Nestle Adds Sugar in Baby Foods: पूरे विश्व में बच्चों के खाने के प्रोडक्ट बनाने वाली कई कंपनियां हैं। हिंदुस्तान में नेस्ले (Nestle) के प्रोडक्ट्स की सेल काफी अधिक है। नेस्ले पूरे विश्व में सबसे बड़ी बच्चों के प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी है, लेकिन अब एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जो आपको दंग कर देगी। नेस्ले पहले भी मैगी को लेकर विवादों में रहा है। अब एक बार फिर नेस्ले को लेकर चौंकाने वाली समाचार सामने आ रही है। नेस्ले गरीब राष्ट्रों में बेचे जाने वाले बच्चों के दूध में चीनी मिलाती है।
नेस्ले हिंदुस्तान के साथ ही अन्य एशियाआई राष्ट्रों और अफ्रीका समेत कई राष्ट्रों में बेचे जाने वाले बच्चों के प्रोडक्ट में चीनी का इस्तेमाल कर रही है। वहीं, यूरोप और ब्रिटेन में बेचे जाने वाले सामान में चीनी का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
जांच में हुआ खुलासा
इसका खुलासा तब हुआ जब स्विस जांच संगठन पब्लिक आई और IBFAN (इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क) ने एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले बच्चों के खाने के सामान का सैंपल लिया। इस सैंपल को टेस्टिंग के लिए बेल्जियम की प्रयोगशाला में भेजा गया था। बता दें एक वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों को खाने का सामान और सेरेलैक दिए जाते हैं। इन सभी के सैंपल में सुक्रोज या शहद के रूप में चीनी पाई गई है।
भारत है सबसे बड़ा बाजार
भारत में, जहां 2022 में सेल्स 250 मिलियन $ से अधिक हो गई है। वहीं, दूसरी तरफ सभी बेबी प्रोडक्ट में प्रति सर्विंग करीब 3 ग्राम एक्स्ट्रा चीनी होती है। वहीं, अफ्रीका और साउथ अफ्रीका में बेचे जाने वाले प्रोडक्ट में प्रति सर्विंग 4 ग्राम या फिर अधिक चीनी पाई गई है।
ब्राजील है दूसरा सबसे बड़ा बाजार
भारत के बाद ब्राजील में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। यहां पर वर्ष 2022 में सेल्स करीब 150 मिलियन $ के करीब रही है। यहां पर कंपनी के बेबी फूड्स प्रोडक्ट्स में 3 ग्राम के करीब चीनी मिली है।
WHO ने दी चेतावनी
रिपोर्ट में बोला गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि जीवन की आरंभ यानी छोटे पैदा हुए बच्चों में चीनी के संपर्क में आने से जीवन भर चीनी प्रोडक्ट को अहमियत दी जा सकती है, जिससे मोटापा और अन्य पुरानी रोंगों का खतरा बढ़ जाता है। वर्ष 2022 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों के लिए फूड प्रोडक्ट में अतिरिक्त शर्करा और मिठास पर प्रतिबंध लगाने को बोला था।
बच्चों को शुरुआती एक वर्ष में न दें शुगर
दिलचस्प बात यह है कि बच्चों के पोषण पर राय देने वाली नेस्ले की वेबसाइट कहती है कि अपने बच्चे के लिए खाना बनाते समय उसमें चीनी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को शुगर ड्रिंक से भी दूर रखने की राय दी जाती है। कुछ प्रमुख न्यूट्रिशियन और हेल्थ एक्सपर्ट का सुझाव है कि बच्चों को शुरुआती एक वर्ष में फ्रूट जूस के रूप में भी शुगर नहीं देना चाहिए। बच्चों के शुरुआती एक वर्ष में उनमें नेचुरल शुगर कंटेट काफी अधिक होता है।