म्यूचुअल फंड या सुकन्या समृद्धि योजना जानिए कहां मिल रहा ज्यादा फायदा
आज नेशनल गर्ल चाइल्ड डे है। हर वर्ष 24 जनवरी को यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है। यदि आपकी भी बेटी है और आप उसके भविष्य को लेकर चिंतित हैं तो एकदम भी टेंशन न लें। वैसे तो आज के समय में निवेश के लिए कई स्कीमें चलाई जा रही हैं, जिसमें आप पैसा लगाकर अपनी बेटी के भविष्य को संवार सकते हैं।
आप सरकारी स्कीम के साथ ही म्यूचुअल फंड में भी पैसा लगा सकते हैं। लेकिन यदि आपको ये कंफ्यूजन है कि कौन सी स्कीम आपकी बेटी के लिए बेस्ट है तो आज हम आपको बताते हैं कि आपको कहां पैसा लगाना चाहिए। कहां पर आपकी बेटी को अधिक रिटर्न मिलने की आसार है। सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर इस समय 8.2 प्रतिशत की रेट से ब्याज का लाभ मिल रहा है। यह ब्याज गवर्नमेंट की तरफ से हर तिमाही मिलता है और इसमें परिवर्तन भी किया जाता रहा है। गवर्नमेंट इन स्कीमों के ब्याज में संशोधन तिमाही आधार पर करती है। इस सरकारी स्कीम को आप केवल 250 रुपये सालाना से प्रारम्भ कर सकते हैं। यह एकाउंट बेटी के जन्म होने से लेकर 10 वर्ष का होने तक कभी भी खोला जा सकता है। इसमें आप एक वित्तीय साल में अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा कर सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना VS इक्विटी म्यूचुअल फंड
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) एक सरकारी स्कीम है और फिक्सड इनकम वाली सुविधा है। वहीं, म्यूचुअल फंड एक ऐसा टूल है, जिसके जरिए आपका पैसा शेयर बाजार में लगता है। इसमें रिस्क भी शामिल रहता है। सुकन्या समृद्धि योजना में आप तब तक पैसा नहीं निकाल सकते हैं जब तक आपकी बेटी 21 वर्ष की नहीं हो जाती यानी इसमें लॉकइन पीरियड होता है। वहीं, म्यूचुअल फंड एक लिक्विड इंस्ट्रूमेंट है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड रिटर्न (Equity Mutual funds returns)
AMFI के डाटा के मुताबिक, इक्विटी म्यूचुअल फंड ने पिछले एक वर्षों में निवेशकों को काफी सुन्दर रिटर्न दिया है। निप्पॉन इण्डिया के वैल्यु फंड ने 42.38 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इसके अतिरिक्त आदित्य बिरला सन लाइफ प्यूर वैल्यू फंड ने 43.02 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। वहीं, एक्सिस वैल्यु फंड ने 40.16 फीसदी, एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड ने 40 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है।
क्यों मनाया जाता है नेशनल गर्ल चाइल्ड डे?
भारत में लड़कियों को सपोर्ट करने के लिए नेशनल गर्ल चाइल्ड डे सेलिब्रेट किया जाता है। यह हर वर्ष 24 जनवरी को सेलिब्रेट किया जाता है। इसके जरिए दश में बेटियों के अधिकारों को बढ़ावा देना और बेटी की शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर जागरुक बनाना इस दिन का मकसद होता है।