मोदी सरकार बदल सकती है ये बड़ी नियम, कर्मचारियों को सप्ताह में चार दिन करना होगा काम

देश में बन रहे नए श्रम कानूनों के अनुसार आने वाले दिनों में सप्ताह में तीन दिन छुट्टी का प्रावधान संभव है. श्रम मंत्रालय के अनुसार केन्द्र सरकार सप्ताह में चार कामकाजी दिन और उसके साथ तीन दिन वैतनिक छुट्टी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है.
पांच दिन से घट सकते हैं कार्य के दिन
उनके अनुसार नए लेबर कोड में नियमों में ये विकल्प भी रखा जाएगा, जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से निर्णय ले सकते हैं. नए नियमों के अनुसार सरकार ने कार्य के घंटों को बढ़ाकर 12 तक करने को शामिल किया है. कार्य करने के घंटों की सप्ताह में अधिकतम सीमा 48 है, ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा पांच से घट सकता है.
ईपीएफ के नये नियम
ईपीएफ पर कर लगाने को लेकर बजट में हुए ऐलान पर और जानकारी देते हुए श्रम सचिव ने बोला कि इसमें ढाई लाख रुपये से अधिक निवेश होने के लिए कर केवल कर्मचारी के सहयोग पर लगेगा. कंपनी की तरफ से होने वाला अंशदान इसके दायरे में नहीं आएगा या उस पर कोई बोझ नहीं पडे़गा. साथ ही छूट के लिए ईपीएफ और पीपीएफ भी नही जोड़ा जा सकता. अधिक वेतन पाने वाले लोगों की तरफ से होने वाले बड़े निवेश और ब्याज पर खर्च बढ़ने की वजह से सरकार ने ये निर्णय लिया है. श्रम मंत्रालय के अनुसार 6 करोड़ में से केवल एक लाख 23 हजार अंशधारक पर ही इन नए नियमों का प्रभाव होगा.
ईपीएफ पेंशन में बढोतरी का प्रस्ताव नहीं
वहीं न्यूनतम ईपीएफ पेंशन में बढोतरी के प्रश्न पर श्रम सचिव ने बोला कि इस बारे में कोई प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा ही नहीं गया था. जो प्रस्ताव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भेजे थे, उन्हें केंद्रीय बजट में शामिल कर लिया गया है. मजदूर संगठन लंबे समय से ईपीएफ की मासिक न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उनका तर्क है कि सामाजिक सुरक्षा के नाम पर सरकार न्यूनतम 2000 रुपये या इससे अधिक पेंशन मासिक रूप से दे रही है जबकि EPFO के अंशधारकों को अंश का भुगतान करने के बावजूद इससे बहुत कम पेंशन मिल रही है.