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भारत NCAP ने पहले क्रेश टेस्ट के रिजल्ट घोषित किए

भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP या BNCAP) ने आज यानी 20 दिसंबर को पहले क्रैश टेस्ट के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं, इसमें टाटा हैरियर और सफारी दोनों को 5-स्टार रेटिंग मिली है. भारतीय एजेंसी 15 दिसंबर से दोनों कारों का क्रैश टेस्ट कर रहा था.हैरियर और सफारी दोनों ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP) के लिए 32 में से 30.08 पॉइंट और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP) के लिए 49 में से 44.54 पॉइंट हासिल किए.

जबकि SUV ने साइड मूवेबल डिफॉर्मेबल बैरियर टेस्ट में पूरी तरह से स्कोर किया, फ्रंट ऑफसेट डिफॉर्मेबल बैरियर टेस्ट में चेस्ट एरिया की सेफ्टी के लिए कम स्कोर हासिल किया.

फेस्टिव सीजन के कारण क्रैश टेस्ट में हुई देरी
पहले एक अक्टूबर से कारों का क्रैश टेस्ट प्रारम्भ होना था, लेकिन फेस्टिव सीजन के कारण अब तक इसकी आरंभ नहीं हो पाई थी. केंद्रीय सड़क-परिवहन राज्यमंत्री नितिन गडकरी ने इसी वर्ष 22 अगस्त को दिल्ली में हुए इवेंट में BNCAP को लॉन्च किया था. इसके बाद 18 सितंबर को पुणे के चाकन स्थित केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान (CIRT) में कमांड और कंट्रोल सेंटर की ओपनिंग की थी.

भारतीय परिस्थितियों के मुताबिक तय नॉर्म्स पर होगा क्रैश टेस्ट
यह एजेंसी भारतीय परिस्थितियों के मुताबिक तय नॉर्म्स पर एजेंसी कारों का क्रैश टेस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग देगी. इस टेस्ट में कारों को 0 से 5 स्टार तक की रेटिंग दी जाएगी. 0 स्टार का मतलब अनसेफ और 5 स्टार का मतलब पूरी तरफ सेफ माना जाता है.

3 दर्जन से अधिक मॉडलों को टेस्ट के लिए रजिस्टर कराया
अब तक ऑटोमेकर कंपनियों ने कारों के करीब 3 दर्जन से अधिक मॉडलों को टेस्ट के लिए रजिस्टर करा लिया है. क्रैश टेस्ट के पहले बैच में टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, हुंडई और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियां भाग लेंगी. इनमें टाटा मोटर्स अपने मॉडलों को रजिस्टर कराने वाली पहली कंपनी है. दूसरी ओर रेनो, स्कोडा और फॉक्सवैगन जैसी यूरोपीय कंपनियों ने अभी तक अपनी कारों का रजिस्ट्रेशन करने का फैसला नहीं लिया है.

क्रैश टेस्ट की प्रोसेस
1. टेस्ट के लिए आदमी जैसी 4 से 5 डमी को कार में बैठाया जाता है. बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है, जो चाइल्ड ISOFIX एंकर सीट पर फिक्स की जाती है.
2. वाहन को फिक्स्ड गति पर ऑफसेट डिफॉर्मेबल बैरियर (हार्ड ऑब्जेक्ट) से टकराकर देखा जाता है कि वाहन और डमी को कितना हानि पहुंचा है. ये तीन ढंग से किया जाता है.

  • फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट में कार को 64 kmph की रफ्तार पर बैरियर से टकराया जाता है.
  • साइड इम्पैक्ट टेस्ट में वाहन को 50 kmph की गति पर बैरियर से टकराया जाता है.
  • पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट में कार को फिक्स गति पर पोल से टकराकर देखा जाएगा. पहले दो टेस्ट में कार के 3 स्टार रेटिंग हासिल करने पर तीसरा टेस्ट किया जाएगा.

3. टेस्ट में देखा जाता है कि इम्पैक्ट के बाद डमी कितनी डैमेज हुई, एयरबैग और सेफ्टी फीचर्स ने काम किया या नहीं. इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है.

क्रैश टेस्ट की स्कोरिंग

एडल्ट प्रोटेक्शन चाइल्ड प्रोटेक्शन
स्टार रेटिंग स्कोर स्टार रेटिंग स्कोर
5 स्टार 27 5 स्टार 41
4 स्टार 22 4 स्टार 35
3 स्टार 16 3 स्टार 27
2 स्टार 10 2 स्टार 18
1 स्टार 4 1 स्टार 9

कौनसी कारों का किया जाएगा टेस्ट
भारत एनकैप में उस व्हीकल का क्रैश टेस्ट किया जाएगा, जिसमें ड्राइवर के साथ 8 पैसेंजर की सीटिंग कैपेसिटी हो या M1 कैटेगरी का हो. इसके अतिरिक्त उस मॉडल का वेट 3.5 टन या 3500 किलो से कम होना चाहिए.

क्रैश टेस्ट के लिए कोई भी कंपनी अपनी ख़्वाहिश के मुताबिक किसी भी मॉडल को टेस्ट कराने के लिए भेज सकती हैं, या फिर एजेंसी स्वयं भी किसी मॉडल को रेंडमली सिलेक्ट करके क्रैश टेस्ट कर सकती है.

टेस्ट किए जाने से एक वर्ष पहले तक जिस भी मॉडल की 30,000 से अधिक यूनिट्स बिकी हो उसके बेसिक सेफ्टी फीचर्स वाले बेस वैरिएंट का ही क्रैश टेस्ट किया जाएगा. कार मेकर्स चाहें तो हिंदुस्तान एनकैप से चुने गए मॉडल के अपकमिंग अपडेटेड मॉडल को टेस्ट में इस्तेमाल करने की परमिशन मांग सकते हैं.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय कार के बाजार फीडबैक और एनालिसिस के आधार पर हिंदुस्तान एनकैप के प्रोटोकॉल के अनुसार आने वाले किसी भी मॉडल को टेस्ट किए जाने की सिफारिश भी कर सकता है. इसके अतिरिक्त हिंदुस्तान गवर्नमेंट चाहे तो हिंदुस्तान एनकैप से पब्लिक सेफ्टी के भलाई में किसी कार के किसी स्पेशल वैरिएंट का टेस्ट करने को भी कह सकती है.

अभी 4 एजेंसियां तय करती थीं रेटिंग
इससे पहले विदेशी एजेंसी ग्लोबल एनकैप (GNCAP), यूरो एनकैप (UNCAP), ऑस्ट्रेलियन एनकैप (ANCAP) और लैटिन एनकैप (LNCAP) अपने स्टैंडर्ड के मुताबिक भारतीय कारों का टेस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग देती थीं. यह रेटिंग कई मायनों में भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से फिट नहीं होती, इसलिए केंद्र गवर्नमेंट ने अपने रेटिंग सिस्‍टम BNCAP की आरंभ की है.

देशी एजेंसी से टेस्टिंग 75% कम खर्चीली
गडकरी ने कहा, ‘भारत-NCAP के अनुसार राष्ट्र में व्हीकल की टेस्टिंग कॉस्‍ट करीब 60 लाख रुपए होगी, जबकि ग्लोबल लेवल पर यह कॉस्ट 2.5 करोड़ रुपए है. यानी अब देशी एजेंसी से टेस्टिंग कराने पर कंपनियों का 75% कम खर्च होगा.

भारत NCAP से लाभ क्या होगा?
इससे ग्राहकों को बेहतर सेफ्टी वाली कार चुनने का ऑप्शन मिलेगा. साथ ही राष्ट्र में सुरक्षित कार बनाने के लिए कंपनियों में कॉम्पिटिशन बढ़ेगा. उन्हें टेस्टिंग के लिए अपनी कार विदेश भी नहीं भेजनी पड़ेगी.

वेबसाइट पर देख सकेंगे क्रैश टेस्ट के रिजल्ट
केंद्र ने एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई है. यह BNCAP की टेस्टिंग का एनालिसिस करेगी. मॉनिटरिंग कमेटी की स्वीकृति मिलने पर ही BNCAP अपनी वेबसाइट पर स्टार रेटिंग और टेस्ट रिजल्ट्स शो करेगा.

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