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साल के आखिरी कारोबारी हफ्ते में HDFC ने अपने मार्केट कैपिटलाइजेशन को कर लिया ₹12,97,972.04 करोड़

 

बीते सप्ताह शेयर बाजार में उतार चढ़ाव और क्रिसमस की एक अतिरिक्त छुट्टी के बीच बाजार कैपिटलाइजेशन के लिहाज से राष्ट्र की टॉप-10 कंपनियों में से 8 ने ₹1,29,899.22 करोड़ की कमाई की है. इसमें HDFC बैंक, LIC, भारती एयरटेल और हिंदुस्तान यूनिलीवर टॉप गेनर रहे हैं.

साल के अंतिम व्यवसायी सप्ताह में HDFC ने ₹29,829 करोड़ की कमाई कर अपने बाजार कैपिटलाइजेशन को ₹12,97,972.04 करोड़ कर लिया है. वहीं LIC ने भी ₹25,426.49 करोड़ जोड़ा है, अब कंपनी का बाजार कैप बढ़कर ₹5,27,062.06 करोड़ हो गया है.

TCS और इंफोसिस को नुकसान
जबकि TCS और इंफोसिस को 2023 के आखिरी सप्ताह में हानि का सामना करना पड़ा है. TCS का बाजार कैप ₹11,105.22 करोड़ गिरकर ₹13,88,591.70 करोड़ रहा. वहीं इंफोसिस को इस दौरान ₹7,946.24 करोड़ का हानि हुआ और इसका बाजार कैप ₹6,40,351.80 करोड़ रह गया है.

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो अभी उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है. इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है. बाजार कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है.

मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की मूल्य से गुणा करके इसे निकाला जाता है. यानी यदि शेयर का रेट बढ़ेगा तो बाजार कैप भी बढ़ेगा और शेयर का रेट घटेगा तो बाजार कैप भी घटेगा.

मार्केट-कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में फायदा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है. इनमें से एक फैक्टर बाजार कैप भी होता है. निवेशक बाजार कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है. कंपनी का बाजार कैप जितना अधिक होता है, उसमे निवेश करना उतना ही सुरक्षित माना जाता है. डिमांड और सप्लाई के मुताबिक स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती हैं. इसलिए बाजार कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है.

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