ईवी को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई फेम योजना को खत्म कर सकती है सरकार
भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिहाज से फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) के अनुसार अगले पांच सालों के लिए सब्सिडी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। केंद्र गवर्नमेंट ने 2015 से 2019 तक लागू फेम-1 योजना के लिए 895 करोड़ का आवंटन किया था। 2019 से 2024 के लिए लागू फेम-2 योजना के अनुसार इस आवंटन को बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। ईवी निर्माता फेम-3 के अनुसार आवंटन राशि बढ़ाए जाने की आशा कर रहे हैं। लेकिन, फेम-3 योजना के अनुसार ईवी की जिस श्रेणी को प्रोत्साहन देना है, उसे गवर्नमेंट ने अभी आखिरी रूप नहीं दिया है।
2019 से लागू फेम-2 सब्सिडी योजना के जरिये एक अगस्त, 2023 7.53 लाख से अधिक ईवी दोपहिया वाहनों को समर्थन मिला है। यह योजना 7,090 ई-बसों, 5 लाख तिपहिया वाहनों, 55,000 चारपहिया यात्री कारों और 10 लाख दोपहिया वाहनों को सब्सिडी के माध्यम से सरकारी और साझा परिवहन के इलेक्ट्रिफिकेशन का समर्थन करने पर केंद्रित है। इनमें से सिर्फ़ बसों और दोपहिया वाहनों की बिक्री उन लक्ष्यों के करीब रही है, जिन्हें योजना के अनुसार हासिल करने के लिए निर्धारित किया था।
योजना पर विचार
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, भारी उद्योग मंत्रालय फेम योजना के तीसरे चरण को लेकर वित्त मंत्रालय से चर्चा कर रहा है। प्रस्ताव पर आखिरी निर्णय ईवी पहुंच की स्थिति, महत्वपूर्ण समर्थन और पूंजी उपलब्धता को ध्यान में रखने के बाद लिया जाएगा। इसके अलावा, बैटरी और ऑटो कलपुर्जे विनिर्माण के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के अनुसार भी समर्थन की पेशकश की जा रही है।