बिज़नस

Google Play Store बनाम भारतीय कंपनियाँ के बीच विवाद

 केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिलिंग नीति को लेकर गूगल और भारतीय कंपनियों के बीच टकराव को सुलझाने के लिए गूगल के ऑफिसरों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है.

समस्या क्या है? – उपयोगकर्ता Google Play Store ऐप से निजी ऐप्स डाउनलोड कर सकते हैं. इसके लिए संबंधित निजी कंपनियों को गूगल को शुल्क देना होगा. अब तक गूगल निजी कंपनियों से सेवा शुल्क के तौर पर 11 प्रतिशत से 26 प्रतिशत तक चार्ज कर रहा था ऐसे में गूगल ने इस शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा की है तदनुसार, यह 15 फीसदी से 30 फीसदी तक रिपोर्ट किया गया. लेकिन कुछ भारतीय कंपनियाँ यह शुल्क नहीं देतीं. इसके बाद गूगल ने 10 लोकप्रिय भारतीय कंपनियों के ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है.

Google ने अपनी घोषणा में कहा, “किसी भी न्यायालय ने Google पर शुल्क वसूलने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. जिन कंपनियों ने अभी तक हमें वह राशि नहीं दी है जिसके हम हकदार हैं, उनके ऐप्स हटा दिए गए हैं. ये कंपनियां शुल्क का भुगतान करने में विफल रही हैं.” उन्हें 3 वर्ष से अधिक समय देने के बाद भी इसलिए ये कार्रवाई की गई है

गूगल प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप्स में हिंदुस्तान का लोकप्रिय नौकरी सर्च ऐप “naukri.com”, रियल एस्टेट सर्विस ऐप “99acres.com” और वैवाहिक सेवा “भारतमैट्रिमोनीकॉम” और “shaadi.com” (shaadi.com) प्रमुख हैं. गूगल के इस कदम पर टिप्पणी करते हुए हिंदुस्तान मैट्रिमोनी के संस्थापक मुरुगावेल जानकीरमन ने कहा, “यह हिंदुस्तान की इंटरनेट सेवाओं के लिए एक काला दिन है.” इसी तरह, Naugri.com के सीईओ संजीव बिक्संदानी ने बल देकर बोला कि “भारतीय कंपनियों को अपने ऐप्स के लिए एक समर्पित ऐप स्टोर की जरूरत है.

केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय कंपनियों और गूगल के बीच टकराव को सुलझाने के लिए गूगल के ऑफिसरों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है. इस बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मेरा मानना ​​है कि Google अपने दृष्टिकोण में निष्पक्ष रहेगा. हिंदुस्तान में एक बढ़ता हुआ स्टार्टअप इकोसिस्टम है. इसलिए, स्टार्टअप के हितों की रक्षा करना जरूरी है. हम उनकी सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे.

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