यूपी का गोल्डन ट्रायंगल हुआ पूरा, जानें क्या है गोल्डन ट्रायंगल…
Golden triangle of Uttar Pradesh: भक्तों का प्रतीक्षा समाप्त हुआ और लंबे प्रतीक्षा के बाद 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से रामलला के दर्शन के लिए वहां भक्तों की भारी भीड़ पहुंच रही है। राममंदिर के निर्माण के साथ ही यूपी का ‘गोल्डन ट्रायंगल’ पूरा हो गया है। राम मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही उत्तर प्रदेश का गोल्डन ट्रायंगल पूरा हो गया है। इस गोल्डन ट्रायंगल से गवर्नमेंट के खजाने में राजस्व में तेजी से बढ़ोतरी होगी। आइए समझते हैं कि क्या है ये गोल्डन ट्रायंगल…।
क्या है गोल्डन ट्रायंगल
टूरिज्म का गोल्डन ट्रायंगल का मतलब अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज से है। यदि आप यूपी के मैप में इन तीनों की स्थिति देखें तो त्रिभुज की आकृति बनती है। अब ये त्रिभुज यूपी के पर्यटन का मुख्य केंद्र बनने वाले है। लगभग 400 किमी के दायरे में आप यूपी के तीन बड़े टूरिस्ट प्लेस पर घूम सकते हैं।अब इस गोल्डन ट्रायंगल पर टूरिज्म तेजी से बढ़ रहा है। आप चाहे तो एक दिन में इन तीनों जगहों पर घूम सकते हैं। यदि तीनों धार्मिक स्थलों को मिला दें तो बीते एक वर्ष में जहां करीब 40 करोड़ विजिटर्स आए हैं। यहां विजिटर्स का मतलब एक ही दिन में घूमकर लौट जाने वालों से है। जो ट्रायंगल अब तक अधूरा था, अब रामलला के आने से पूरा हो गया है।
गोल्डन ट्रायंगल से भरेगा गवर्नमेंट का खजाना
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार बीते एक वर्ष में यूपी आने वाले पर्यटकों की संख्या 40 करोड़ से करीब थी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश राष्ट्र के टॉप टूरिस्ट प्लेस में शामिल हो गया। उत्तर प्रदेश आने वाले पर्यटकों में से आधे टूरिज्ट अयोध्या, काशी और प्रयागराज पहुंचे थे। यानी यूपी के टूरिज्म में आधी हिस्सेदारी केवल इन तीन शहरों की यानी इस गोल्डन ट्रायंगल की है। इससे आप इस ट्रायंगल के महत्व का अंदाजा लगा सकते हैं।
पर्यटकों से इकोनॉमी को मिलेगा बूस्ट
काशी विश्वनाश कोरिडोर बनने के बाद से वाराणसी आने वाले पर्यटकों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिली। काशी विश्वनाथ कोरिडोर बनने से पहले बनारस पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या मात्र 67 लाख थी। वर्ष 2023 में यह 8.5 करोड़ के पार हो गई। इसी तरह से अयोध्या की बात करें तो वर्ष 2019 में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या 3.5 लाख थी, जो वर्ष 2022 में 2 करोड़ के पार हो गई। इसी तरह से प्रयागराज में भी पर्यटकों की संख्या जो वर्ष 2023 में 4.5 करोड़ के करीब पहुंच गई। अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी। ये पर्यटक केवल राम मंदिर नहीं बल्कि 400 किमी के दायरे में वाराणसी में भोलेनाथ के दर्शन और प्रयागराज में गंगा-यमुना के संगम में डुबकी लगा सकते हैं। इस ट्रायंगल के पूरा होने से पर्यटन से होने वाली कमाई बढ़ेगी।
राममंदिर से वाराणसी और प्रयागराज को भी फायदा
राममंदिर के बनने से केवल अयोध्या को नहीं बल्कि वाराणसी और प्रयागराज को भी लाभ होने वाला है। जो पर्यटक राममंदिर के दर्शन के लिए अयोध्या आएंगे, वो 400 किमी के दायरे में काशी विश्वनाथ होते हुए प्रयागराज के संगम में डुबकी लगा सकेंगे। वहां भी पर्यटन और आमदनी बढ़ेगी। इन तीनों ट्रायंगल को जोड़ने वाली सड़के, हाईवे, एयरपोर्ट, रेलवे की प्रबंध लोगों को सरलता से तीनों तीर्थ करवाएगी और गवर्नमेंट के खजाने में बढ़ोतरी होगी।
सरकार का भरेगा खजाना
हाल ही में ब्रोकरेज फर्म जेफरीन ने अपनी रिपोर्ट में बोला कि अयोध्या में राम मंदिर बनने से वहां आने वाले पर्यटकों की संख्या 5 करोड़ तक पहुंच सकती है। पर्यटक आएंगे तो रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, निवेश बढ़ेगा, नौकरियां बढ़ेगी। कई कंपनियां, फैक्ट्रियां खुलेंगी। एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बोला कि अयोध्या में रामलला के आने से यूपी गवर्नमेंट के टैक्स रेवेन्यू में 20 से 25 हजार करोड़ का बढ़ोत्तरी होगा। रिपोर्ट की मानें तो राम मंदिर के निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा देने वाली अन्य योजनाओं के दम पर इस वर्ष राज्य में पर्यटकों का खर्च 4 लाख करोड़ रुपये के पार हो सकता है। वहीं पर्यटन के दम पर वित्त साल 2027-28 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 500 बिलियन $ के पार निकल सकती है। ये आंकड़े नॉर्वे जैसे राष्ट्र की पूरी अर्थव्यवस्था के अधिक है।