गो फर्स्ट के लेंडर्स ने एयरलाइन के अधिग्रहण के लिए वित्तीय बोली की समय सीमा की निर्धारित
गो फर्स्ट के लेंडर्स ने एयरलाइन के अधिग्रहण के लिए वित्तीय बोली की समय सीमा 31 जनवरी निर्धारित की है। गो फर्स्ट के संपर्क में रहने वाले एक बैंकर ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया, “बैंकों ने एक और मौका देने का निर्णय किया है। बैंकों ने उन दावेदारों को ठोस बोली जमा करने का मौका दिया है, जिन्होंने पहले रुचि दिखाई है।” बता दें कि गो फर्स्ट ने प्रैट एंड व्हिटनी इंजन’ समस्याओं के कारण हुए वित्तीय संकट के बीच 3 मई 2023 को उड़ान सेवाएं बंद कर दी थी। इसके बाद से अब तक उड़ान सेवाएं प्रारम्भ नहीं हो सकी हैं। वहीं, कंपनी अभी दिवाला निवारण प्रक्रिया से गुजर रही है।
स्पाइसजेट की भी दिलचस्पी
दिवालिया कंपनी गो फर्स्ट को खरीदने में स्पाइसजेट एयरलाइन ने भी दिलचस्पी दिखाई है। बीते दिसंबर महीने में स्पाइसजेट ने शेयर बाजार को कहा था कि गो फर्स्ट के निवारण पेशेवर के समक्ष रुचि व्यक्त की है। स्पाइसजेट के अनुसार संभावित संयोजन के जरिए एक मजबूत एयरलाइन बनाने की दृष्टि से जांच-पड़ताल करने के बाद वह एक प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहती है।
ये भी हैं रेस में
सूत्रों के अनुसार शारजाह, संयुक्त अरब अमीरात स्थित स्काई वन, अफ्रीका-केंद्रित सैफ्रिक इन्वेस्टमेंट्स और अमेरिका स्थित एनएस एविएशन ने भी गो फर्स्ट में रुचि दिखाई है। स्काई वन, सैफ्रिक इन्वेस्टमेंट्स और एनएस एविएशन ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि गो फर्स्ट की दिवालियापन फाइलिंग में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक और डॉयचे बैंक को लेनदारों में सूचीबद्ध किया गया है, जिन पर एयरलाइन का कुल 65.21 बिलियन रुपये बकाया है।
बीते वर्ष ये भी समाचार आई कि गो फर्स्ट पर मालिकाना अधिकार रखने वाले वाडिया ग्रुप ने एयरलाइन में बड़ी हिस्सेदारी बेचने या पूरी तरह से बाहर निकलने के लिए स्ट्रैटेजिक पार्टनर्स के साथ वार्ता प्रारम्भ की है।