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Germany Economy: जर्मनी अब मंदी की चपेट में…

Recession in Germany: पाकिस्तान, चीन और यूके के बाद अब जर्मनी पर भी मंदी के बादल मंडरा रहे है राष्ट्र के केंद्रीय बैंक की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है जर्मनी का उत्पादन पहली तिमाही में थोड़ा कम होने की भी आसार है, जिससे यूरोप की इकोनॉमी में भी मंदी देखने को मिल सकती है अब केंद्रीय बुंडेसबैंक का बोलना है कि जर्मन अर्थव्यवस्था में अभी भी कोई सुधार नहीं हुआ है

साल 2022 में हुए रूस और यूक्रेन हमले के बाद जर्मनी की इकोनॉमी काफी संघर्ष कर रही है, जिससे इंफ्लेशन में भी बढ़त देखने को मिली है इंडस्ट्रियल स्लोडाउन की वजह से इकोनॉमी में काफी गिरावट देखने को मिली है बुंडेसबैंक ने बोला है कि जर्मनी अब मंदी की चपेट में है इकोनॉमी लगातार निगेटव साइड को बढ़ रही है इसका असर पूरे यूरोप रीजन पर देखने को मिलेगा

बुंडेसबैंक ने जारी की मंथली रिपोर्ट

बुंडेसबैंक ने अपनी मंथली रिपोर्ट में बोला कि 2023 की आखिरी तिमाही में 0.3 फीसदी की गिरावट के बाद जनवरी से मार्च तक उत्पादन में “एक बार फिर थोड़ी गिरावट होने की आसार है” आर्थिक उत्पादन में यह लगातार दूसरी गिरावट जर्मन अर्थव्यवस्था को टेक्निकल मंदी में डाल देगी

इन फैक्टर्स का पड़ रहा असर

केंद्रीय बैंक इस समय पॉवरहाउस एक्सपोर्ट, धीमी फॉरेन डिमांड, उपभोक्ता खर्च और डोमेस्टिक निवेश का असर पड़ रहा है इकोनॉमी पर रेलवे और एविएशन सेक्टर की हड़ताल का भी असर पड़ सकता है

हालांकि इसमें यह भी बोला गया है कि अभी भी इकोनॉमिक एक्टिविट में लगातार गिरावट दिख रही है मीडिया की समाचार के अनुसार लेवर मार्केट, बढ़ती मजदूरी और धीमी मुद्रास्फीति से सपोर्ट मिलेगा

घट गया अनुमान

ब्याज दरों में सिलसिलेवार बढ़ोतरी के बाद जनवरी में जर्मन मुद्रास्फीति घटकर 2.9 फीसदी हो गई जो यूरोपीय सेंट्रल बैंक के दो फीसदी लक्ष्य से अधिक दूर नहीं है पिछले पूरे वर्ष में जर्मन अर्थव्यवस्था में 0.3 फीसदी की गिरावट आई हालांकि इस वर्ष इसमें फिर से बढ़ने की आशा है एक्सपर्ट ने हाल ही में चेतावनी दी है कि सुधार पहले की तुलना में स्लो हो सकता है दिसंबर में बुंडेसबैंक ने अपने 2024 के विकास अनुमान को जून के 1.2 फीसदी के पूर्वानुमान से घटाकर 0.4 फीसदी कर दिया

चीन में FDI 30 वर्ष के लो लेवल पर

चीन का संकट किसी से भी छिपा नहीं है हाल ही में रिपोर्ट आई है कि चीन में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) 30 वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है 1993 के बाद से ये सबसे खराब दौर है, जब चीन में विदेशी कंपनियों का निवेश गिरता जा रहा है एक ओर जहां जिनपिंग गवर्नमेंट विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही हैं तो वहीं चीन की आर्थिक हालात और रियल एस्टेट के संकट को देखते हुए विदेशी कंपनियों में भागमभाग मचा है

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