ज्यादा रिटर्न के लिए ईपीएफ से एनपीएस में ट्रांसफर कर सकते हैं फंड

दरअसल, एनपीएस लंबी अवधि में रिटायरमेंट की योजना बना रहे लोगों के लिए लोकप्रिय विकल्प बनता जा रहा है। इक्विटी में निवेश के विकल्प की वजह से लंबी अवधि में निवेशक ईपीएफ के मुकाबले एनपीएस के जरिए ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं। 02
एनपीएस ने पिछले 10 साल में ईपीएफ के मुकाबले 2 फीसदी ज्यादा रिटर्न दिया है। अगर लगातार बढ़ रही महंगाई की दर को देखें तो एक समय के बाद किसी को भी रिटायरमेंट के बाद अच्छे खासे फंड की जरूरत होगी। ऐसे में लंबी अवधि के निवेश के रूप में एनपीएस एक बेहतर साधन है। खास बात है कि इस पर कर छूट का लाभ भी मिलता है।
1.5 लाख रुपये तक छूट का लाभ
आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक कर छूट का लाभ पा सकते हैं। दूसरी बात है कि एनपीएस अब ‘ईईई’ की श्रेणी में आ गया है। इसका मतलब है कि निवेश के पैसे, मिलने वाले ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाली रकम तीनों पर कर नहीं देना पड़ता है। इसके अलावा, आप आयकर अधिनियम की धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
ऐसे कर सकते हैं ट्रांसफर
- एनपीएस का एक्टिव टियर-1 खाते होना जरूरी।
- वैकल्पिक तौर पर आप प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस या ई-एनपीएस पोर्टल पर जाकर एनपीएस खाता खुलवा सकते हैं।
- इसके बाद आपको npstrust.org.in पर जाना होगा।
- एनपीएस खाता खुलने के बाद नियोक्ता के पास ट्रांसफर फॉर्म जमा करना होगा।
आवेदन मिलने के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) आपके ईपीएफ खाते में शेष राशि के ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू कर देगा। इसके बाद एनपीएस नोडल या पीओपी की ओर से ईपीएफओ एक चेक या ड्राफ्ट जारी करेगा। एक बार फंड जमा होने के बाद एनपीएस खाता अपडेट हो जाएगा। इसके बाद आपको एनपीएस के साथ रजिस्टर मोबाइल नंबर पर सत्यापन के लिए मैसेज आएगा। इसके बाद नोडल ऑफिस या पीओपी आपके टियर-1 खाते में पैसे अपडेट करेगा।