बिज़नस

FD पर ज्यादा रिटर्न के लिए सही जगह करें निवेश, देखें कहां ज्यादा ब्याज

IDBI, बैंक ऑफ इण्डिया (BOI) और फेडरल बैंक सहित कई बड़े बैंकों ने हाल ही में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. यदि आप इन दिनों FD कराने का प्लान बना रहे हैं तो आपको इससे पहले बैंकों की नयी ब्याज दरों के बारे में जरूर जानना चाहिए.

हम आपको बता रहे हैं कि 2 करोड़ रुपए से कम की FD पर कौन-सा बैंक कितना ब्याज दे रहा है. ताकि आप अपने हिसाब से ठीक स्थान निवेश कर सकें.

FD से मिलने वाले ब्याज पर भी देना होता है टैक्स
FD से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है. आप एक वर्ष में FD पर जो भी ब्याज कमाते हैं, वो आपकी एनुअल इनकम में जुड़ता है. कुल आय के आधार पर, आपका टैक्स स्लैब निर्धारित किया जाता है. वैसे FD पर अर्जित इंटरेस्ट इनकम को “इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज” माना जाता है, इसलिए इसे टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स या TDS के अनुसार चार्ज किया जाता है. जब आपका बैंक आपकी ब्याज आय को आपके एकाउंट में जमा करता है, तो उसी समय TDS काट लिया जाता है. आइए जानते हैं FD पर टैक्स से जुड़े कुछ पॉइंट:

  • यदि आपकी कुल आय एक साल में 2.5 लाख रुपए से कम है, तो बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर TDS नहीं काटता है. हालांकि, इसके लिए आपको फॉर्म 15G या 15H जमा करना पड़ेगा. ऐसे में यदि आप TDS बचाना चाहते हैं तो फॉर्म 15G या 15H जरूर जमा करें.
  • यदि सभी FD से आपकी इंटरेस्ट इनकम एक साल में 40,000 रुपए से कम है, तो TDS नहीं काटा जाता है. वहीं यदि आपकी ब्याज आय 40,000 रुपए से अधिक है तो 10% TDS काटा जाएगा. पैन कार्ड नहीं देने बैंक 20% काट सकता है.
  • 40,000 से अधिक इंटरेस्ट इनकम पर TDS काटने की यह लिमिट 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए है. वहीं 60 वर्ष से अधिक उम्र, यानी सीनियर सिटीजन की FD से 50 हजार रुपए तक की आय टैक्स फ्री होती है. इससे अधिक आय होने पर 10% TDS काटा जाता है.
  • अगर बैंक ने आपकी FD इंटरेस्ट इनकम पर TDS काट लिया है और आपकी कुल आय आयकर के दायरे में नहीं आती है तो आप काटे गए TDS को टैक्स फाइल करते समय क्लेम कर सकते हैं. ये आपके एकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाएगा.

Related Articles

Back to top button