अधिकारियों ने टेस्ला चीनी आपूर्तिकर्ताओं पर कंपनी की निर्भरता के बारे में जताई चिंता
ऑफिसरों ने टेस्ला के चीनी आपूर्तिकर्ताओं पर कंपनी की निर्भरता के बारे में चिंता जताई है। बीते कुछ हफ्तों में टेस्ला क्षेत्रीय बाजार और निर्यात दोनों के लिए किफायती इलेक्ट्रिक गाड़ी (ईवी) का उत्पादन करने के लिए एक कारखाने के निर्माण के संबंध में गवर्नमेंट के साथ चर्चा कर रही है।
मशहूर कंपनी टेस्ला सस्ते इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए हिंदुस्तान में प्लांट स्थापित करने की संभावनाओं को तलाश रही है। इसी बीच ऑफिसरों ने टेस्ला के चीनी आपूर्तिकर्ताओं पर कंपनी की निर्भरता के बारे में चिंता जताई है। बीते कुछ हफ्तों में टेस्ला क्षेत्रीय बाजार और निर्यात दोनों के लिए किफायती इलेक्ट्रिक गाड़ी (ईवी) का उत्पादन करने के लिए एक कारखाने के निर्माण के संबंध में गवर्नमेंट के साथ चर्चा कर रही है।
हालांकि रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान और चीन के तनावपूर्ण संबंधों के कारण टेस्ला की चीनी आपूर्तिकर्ताओं को शामिल करने की योजना के लिए चुनौतियां पैदा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क जाहिर कर चुके हैं कि उनका लक्ष्य कंपनी के परिचालन को चीन में अपने प्रमुख विदेशी आधार से बाहर निकालते हुए उसका विस्तार करना है। मस्क वहां कंपनी का विस्तार करना चाहते हैं जहां रेगुलेट्री अप्रूवल कम हों।
माना जा रहा है कि हिंदुस्तान में ईवी के कारगर निर्माण की लागत को कम रखने में चीनी आपूर्तिकर्ताओं की अहम किरदार हो सकती है। बता दें कि हिंदुस्तान में कई जरूरी घटकों की कमी है, जिसमें बैटरी सेल भी शामिल है। क्षेत्रीय आपूर्तिकर्ताओं की कमी को पूरा करने के लिए प्रमुख भारतीय ईवी निर्माता टाटा मोटर्स भी इन घटकों को चीन से आयात करती है। सरकारी ऑफिसरों के साथ हुई बैठक में टेस्ला के ऑफिसरों ने आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ाने के लिए अपने कुछ चीनी विक्रेताओं को क्षेत्रीय उपस्थिति स्थापित करने में रुचि व्यक्त की।
हालाँकि साल 2020 में हिंदुस्तान और चीन के बीच सीमा संघर्ष के बाद से बढ़ी हुई जांच के कारण हिंदुस्तान में चीनी कंपनियों को स्वीकृति देना मुश्किल है। इस संबंध में जब टेस्ला ने भारतीय ऑफिसरों से बात की तो भारतीय ऑफिसरों ने हिंदुस्तान में एप्पल के दृष्टिकोण के समान निवारण का सुझाव दिया।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को कहा कि ऑफिसरों ने कंपनी से परेशानी को हल करने के लिए टेक कंपनी ऐप्पल की रणनीति से सीखने को बोला है। चीनी आपूर्तिकर्ताओं के साथ साझेदारी के लिए क्षेत्रीय फर्मों को ढूंढने का सुझाव दिया गया है। बता दें कि हाल के महीनों में ऐप्पल कंपनी ने क्षेत्रीय भागीदारों के साथ मिलकर कारोबार बनाया है और चीनी आपूर्तिकर्ताओं को हिंदुस्तान में लाने की स्वीकृति प्राप्त की है। उल्लेखनीय है कि ऐप्पल की हिंदुस्तान में तेजी से बढ़ती आपूर्ति श्रृंखला है, जिसमें ताइवान की फॉक्सकॉन अपने आईफोन को अलेंबल करती है।
गौरतलब है कि नयी दिल्ली ने हाल ही में केस-टू-केस आधार पर कुछ चीनी आपूर्तिकर्ताओं के भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त व्यापार को स्वीकृति दी है। हालाँकि, गवर्नमेंट अभी भी चीनी गाड़ी निर्माताओं और अन्य कंपनियों को राष्ट्र में अपने परिचालन का विस्तार करने की अनुमति देने को लेकर सावधान बनी हुई है। हालांकि कुछ खास चीनी विक्रेताओं का उल्लेख नहीं किया गया है मगर टेस्ला एक्टिव रूप से हिंदुस्तान में अपने संभावित कारखाने का निर्माण करने के लिए भागीदारों की तलाश कर रहा है।