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EPF Withdrawal: पीएफ अकाउंट से पैसे निकालने पर भरना पड़ सकता है 20% का भारी-भरकम टैक्स

ईपीएफ निकासी: जिस कंपनी में 20 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, उसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ दर्ज़ होना जरूरी है. यही कारण है कि संगठित क्षेत्र में काम करने वाले ज्यादातर लोगों के पीएफ खाते से पैसा कटता है. जब कोई आदमी जॉब प्रारम्भ करता है तो उसे ईपीएफ़ओ ​​की ओर से एक यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (UAN) मिलता है आपका नियोक्ता इस यूएएन के अनुसार एक पीएफ खाता खोलता है, आप और आपकी कंपनी दोनों हर महीने इसमें सहयोग करते हैं. कई कर्मचारियों का मानना ​​है कि ईपीएफ खाते से पैसा निकालने पर कोई टैक्स नहीं देना होता है लेकिन, ये पूरी तरह सच नहीं है कुछ परिस्थितियों में आपको निकासी पर टैक्स देना पड़ सकता है.

अगर आप पांच वर्ष तक ईपीएफ में सहयोग करने के बाद धनराशि निकालते हैं तो ईपीएफ खाताधारक को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. अब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने इन 5 वर्षों में एक कंपनी में काम किया है या एक से अधिक में. लेकिन, यदि आपने 5 वर्ष तक जॉब नहीं की है और खाते में जमा धनराशि निकाल लेते हैं तो आपको टैक्स देना होगा. हां, कुछ परिस्थितियों में पांच वर्ष से पहले निकासी पर भी टैक्स छूट मिलती है जैसे खराब स्वास्थ्य के कारण कर्मचारी की जॉब चली जाना, नियोक्ता का व्यवसाय बंद हो जाना या अन्य कारण जिसके लिए वह एकदम भी उत्तरदायी नहीं है.

कब देना होगा टैक्स?

अगर आप पांच वर्ष से पहले पैसा निकालते हैं तो आपको टैक्स देना होगा यह टैक्स आपको उसी वर्ष देना होगा, जिस वर्ष आपने पीएफ खाते से पूंजी निकाली है. मान लीजिए किसी ने 2021-22 में पीएफ में जमा करना प्रारम्भ किया और 2024-25 में ईपीएफ में जमा धनराशि निकालना चाहता है तो उसे वर्ष 2024-25 में टैक्स देना होगा. जिस साल आप पीएफ में सहयोग करते हैं, उस साल आपकी कुल आय पर लागू टैक्स स्लैब के मुताबिक कर की गणना की जाएगी. पीएफ में जमा राशि के चार भाग होते हैं, कर्मचारी का योगदान, नियोक्ता का योगदान, नियोक्ता के सहयोग पर ब्याज और कर्मचारी के सहयोग पर ब्याज. पीएफ में जमा धनराशि 5 वर्ष से पहले निकालने पर चारों हिस्सों पर टैक्स लगता है

ये है टैक्स देनदारी का गणित

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कर्मचारी के सहयोग पर टैक्स देनदारी मुख्य रूप से दो चीजों पर निर्भर करती है. यदि कर्मचारी अपने सहयोग पर 80सी के अनुसार कटौती का फायदा लेता है तो उसका सहयोग कर योग्य होगा. उनका सहयोग वेतन का हिस्सा माना जाएगा लेकिन यदि 80सी के अनुसार कटौती का फायदा नहीं लिया गया तो कर्मचारी का सहयोग टैक्स के दायरे में नहीं आएगा नियोक्ता का सहयोग और उस पर मिलने वाला ब्याज वेतन का हिस्सा माना जाता है

कितना टीडीएस कटेगा?

अगर 5 वर्ष से पहले निकासी की जाती है तो यह कर योग्य हो जाता है. यदि 5 वर्ष से पहले प्रोविडेंट फंड से पैसा निकाला जाता है और सब्सक्राइबर का पैन कार्ड लिंक नहीं है तो 20 प्रतिशत कट जाएगा वहीं यदि आपका पीएफ खाता पैन से लिंक है तो 10 प्रतिशत टीडीएस कटेगा यदि ईपीएफ में जमा धनराशि 50 हजार रुपये से कम है तो आपको टीडीएस नहीं देना होगा यदि आपकी आय कर योग्य सीमा से कम है तो आप फॉर्म 15जी या 15एच जमा करके टीडीएस से बच सकते हैं.

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