देश का अपना ‘भारत NCAP’ आज से हुआ शुरू,ऐसे करेगा काम
राष्ट्र का अपना ‘भारत NCAP’ आज से प्रारम्भ हो गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) को लॉन्च किया है। इस प्रोग्राम के अनुसार हिंदुस्तान में तैयार होने वाली सभी कारों का क्रैश टेस्ट यहीं पर किया जाएगा। इतना ही नहीं, कारों की लॉन्चिंग से पहले ही इन्हें क्रैश टेस्ट रेटिंग दे दी जाएगी। ताकी ग्राहक अपने लिए बेस्ट और सेफ कार का सिलेक्शन कर पाएंगे। अभी राष्ट्र में तैयार होने वाली कारों को ग्लोबल NCAP, ऑस्ट्रेलियन NCAP की तरफ से सेफ्टी रेटिंग मिलती है।
गडकरी ने इवेंट के दौरान कहा कि Bharat NCAP को पहले से ही 30 मॉडलों के क्रैश टेस्ट की रिक्वेस्ट मिल चुकी है। गडकरी ने यह भी बोला कि हिंदुस्तान NCAP प्रोग्राम के अनुसार एक कार की टेस्टिंग की लागत लगभग 60 लाख रुपए है। जबकि इसी तरह की टेस्टिंग को विदेश में करने पर लगभग 2.5 करोड़ रुपए खर्च होते थे। राष्ट्र की ज्यादातर कंपनियों ने हिंदुस्तान NCAP का वेलकम किया है।
Bharat NCAP ऐसे काम करेगा
किसी कार को इस टेस्ट का हिस्सा बनाने के लिए मैन्युफैक्चर को व्हीकल मॉडल नॉमीनेट कराना होगा। Bharat NCAP टीम उस व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी का दौरा करेगी। टीम उस मॉडल बेस वैरिएंट को सिलेक्ट करेगी। उस सिलेक्ट किए गए व्हीकल को Bharat NCAP टेस्टिंग सेंटर में भेजा जाएगा। सिलेक्ट वैरिएंट का क्रैश टेस्ट की प्रोसेस को कार मैन्युफैक्चर और Bharat NCAP टीम के प्रतिनिधि के सामने किया जाएगा।
टेस्ट के परिणाम को कम्पायल्ड किया जाएगा। Bharat NCAP स्टैंडिंग कमेटी की स्वीकृति के बाद कार कंपनी के साथ डिटेल को शेयर किया जाएगा। स्थाई कमेटी की स्वीकृति के बाद उस वाहन की स्टार रेटिंग और क्रैश टेस्ट परिणाम Bharat NCAP द्वारा पब्लिश किया जाएगा। साथ ही, इसका सर्टिफिकेट केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान (CIRT) द्वारा जारी किया जाएगा।
मौजूदा NCAP क्रैश टेस्ट की प्रोसेस
भारत में कार बेचने वाली सभी कंपनियों के लगभग सभी मॉडल का NCAP द्वारा क्रैश टेस्ट किया जाता है। टेस्ट के दौरान वाहन को तय गति पर किसी ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है। इस टेस्ट के लिए कार में डमी का इस्तेमाल किया जाता है। डमी आदमी के जैसी होती है। टेस्ट के दौरान कार में 4 से 5 डमी का इस्तेमाल किया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है। क्रैश टेस्ट के बाद कार के एयरबैग ने काम किया या नहीं? डमी कितनी डैमेज हुई? कार के सेफ्टी फीचर्स ने कितना काम किया? इन सब के आधार पर रेटिंग दी जाती है। ये भी देखा जाता है कि कार में एडल्ट और बच्चे कितने सुरक्षित रहे।