बिटकॉइन का प्राइस 40,000 से नीचे, पिछले एक दिन में इसके प्राइस में 1,175 डॉलर की आई कमी
मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin के प्राइस में मंगलवार को 3.63 फीसदी की गिरावट थी। यह लगभग 39,820 $ पर ट्रेड कर रहा था। पिछले दो महीनों में यह पहली बार है कि जब बिटकॉइन का प्राइस 40,000 $ से नीचे आया है। पिछले एक दिन में इसके प्राइस में 1,175 $ की कमी हुई है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में 4.04 फीसदी का हानि था। इसका प्राइस लगभग 2,336 $ पर था। पिछले एक दिन में यह 81 $ घटा है। इसके अतिरिक्त Cardano, Solana, Ripple, Tron, Polkadot, Litecoin, Iota और Qtum के प्राइसेज घटे हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का बाजार कैपिटलाइजेशन लगभग 2.13 फीसदी कम होकर लगभग 1.58 लाख करोड़ $ पर था।
CoinSwitch के मार्केट्स डेस्क ने Gadgets360 को बताया, “पिछले लगभग दो महीनों में यह पहली बार है कि जब बिटकॉइन का प्राइस 40,000 $ से नीचे गिरा है। तेजड़िए इसमें मजबूती बनाए रखने में असफल रहे हैं। स्पॉट ETF की घोषणा के निकट बिटकॉइन में बड़ी धनराशि लगाने वाले नए इनवेस्टर्स लगभग 25 फीसदी के हानि में हैं। Ether के भी 2,000 $ से नीचे गिरने की संभावना है। इस वजह से अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में भी गिरावट है।” इस बारे में क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral का बोलना था, “क्रिप्टो बाजार में भारी तेजी के बाद गिरावट आई है। ETFs का एसेट अंडर मैनेजमेंट बढ़ने से बिटकॉइन में मजबूती आ सकती है। बड़े ट्रेडर्स में शामिल Henrik Zeberg ने बिटकॉइन के लिए 1,20,000 $ का पूर्वानुमान दिया है। हालांकि, यह देखना होगा कि आनें वाले सप्ताहों में बाजार में कैसा मूवमेंट रहता है।”
इस सेगमेंट को लेकर कुछ राष्ट्रों में रेगुलेटर्स ने चेतावनी दी है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इमर्जिंग मार्केट्स को खतरे की चेतावनी दोहराई थी। RBI का बोलना था कि कुछ राष्ट्रों में इस सेगमेंट को स्वीकृति मिलने के बावजूद उसकी पोजिशन में इसे लेकर परिवर्तन नहीं हुआ है। अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC के बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति देने से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में RBI के गवर्नर Shaktikanta Das ने बोला था, “क्रिप्टोकरेंसीज पर चाहे कोई कुछ भी करे लेकिन RBI और मेरी पोजिशन नहीं बदली है। इमर्जिंग मार्केट्स की इकोनॉमी के लिए यह एक बड़ा खतरा है और इस पर आगे जाकर नियंत्रण करना बहुत कठिन होगा।”
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