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अश्विनी वैष्णव ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत पीएलआई स्कीम की सफलता के बारे में किये घोषणा

भारत की आत्मनिर्भरता पहल को बढ़ावा देने के लिए, एचपी इंक और भारतीय कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज की सब्सिडियरी पैडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स ने तमिलनाडु में एचपी लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर और ऑल-इन-वन सिस्टम की मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक एमओयू साइन किया है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुसार प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम की कामयाबी के बारे में बताते हुए यह घोषणा की.Download 11zon 2024 09 09t212137. 988

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, वैष्णव ने बोला “मुझे आपके साथ यह शेयर करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि एचपी इंक और पैडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स ने आज तमिलनाडु की एक फैक्ट्री में एचपी लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर और ऑल-इन-वन सिस्टम की मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक एमओयू साइन किया है. यह पीएम मोदी जी के मेक इन इण्डिया प्रोग्राम के अनुसार पीएलआई स्कीम के लिए यह एक बड़ी कामयाबी है.

मंत्री ने आगे बोला “पिछले 10 वर्षों में, हिंदुस्तान में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग 10 लाख करोड़ रुपये (2014 में 2.4 लाख करोड़ रुपये से) को पार कर गया है, जिससे 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है. आईटी हार्डवेयर स्कीम के लिए पीएलआई के कारण, हिंदुस्तान प्रमुख आईटी हार्डवेयर कंपनियों के लिए एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरा है.

जनवरी से प्रारम्भ होगा प्रोडक्शन, 1500 लोगों को मिलेगा रोजगार

वैष्णव के अनुसार, फैक्ट्री प्रारम्भ में लगभग 1,500 लोगों को रोजगार देगी लेकिन जैसे-जैसे प्रोडक्शन बढ़ेगा, रोजगार की भी बढ़ने की आसार है. मंत्री ने यह भी कहा कि तमिलनाडु प्लांट में बना पहला एचपी लैपटॉप फरवरी 2025 तक शिप किए जाने की आशा है. घरेलू डिक्सन टेक्नोलॉजीज की सब्सिडियरी कंपनी पैडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ समझौते के अनुसार एचपी डिवाइसेस का प्रोडक्शन अगले वर्ष जनवरी से प्रारम्भ होने वाला है, और प्रोडक्शन प्रारम्भ होने के बाद अगले दो सालों में 20 लाख यूनिट प्रति साल तक पहुंचने का अनुमान है.

देश में बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम के बीच वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड इंडिया-बेस्ड मैन्युफैक्चरर्स के साथ साझेदारी कर रहे हैं. इंडस्ट्री एक्सपर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान में आईटी हार्डवेयर क्षेत्र अभी भी शुरुआती चरण में है और एक जरूरी कारण डेल, एचपी, एएसयूएस, लेनोवो और एसर जैसी वैश्विक कद्दावर कंपनियों को राष्ट्र को अपना मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए सुरक्षित महसूस कराना होगा.

आईटी हार्डवेयर स्कीम के लिए संशोधित पीएलआई 2.0, 17,000 करोड़ रुपये के बढ़े हुए बजटीय परिव्यय और छह वर्ष तक विस्तारित कार्यकाल के साथ, 3,35,000 करोड़ रुपये का वृद्धिशील प्रोडक्शन जनरेट करने की आशा है. इस स्कीम का लक्ष्य 75,000 डायरेक्ट जॉब्स और 2,00,000 से अधिक इन-डायरेक्ट जॉब्स पैदा करना है, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में गौरतलब वृद्धि होगी.

 

 

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