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2024 में भी फुल स्पीड से भागेगी भारत की अर्थव्यवस्था

दुनिया में भू-राजनीति तनाव के कारण कई राष्ट्रों में मंदी की संभावना है. वहीं, भारतीय अर्थव्यवस्था इस नए वित्त साल में भी बहुत बढ़िया प्रदर्शन करने वाली है. भारतीय अर्थव्यवस्था में यह मजबूती मिडिल क्लास कंज़्यूमरों के कारण बनी हुई है. डेलॉयट इण्डिया की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान में मिडिल क्लास की इनकम तेज वृद्धि से क्रय शक्ति बढ़ी है.  प्रीमियम लक्जरी उत्पादों और सेवाओं की मांग भी उत्पन्न हुई है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है. डेलॉयट इण्डिया ने चालू वित्त साल 2024-25 में हिंदुस्तान की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि रेट 6.6 फीसदी रहने का संभावना व्यक्त किया है. निर्यात में तेजी और पूंजी प्रवाह इसमें प्रमुख फैक्टर रहेंगे.

भारतीयों की क्रय शक्ति बढ़ी 

डेलॉयट ने हिंदुस्तान की आर्थिक परिदृश्य पर अपनी रिपोर्ट में बोला कि मध्यम आय वर्ग की तेज वृद्धि से क्रय शक्ति बढ़ी है. डेलॉयट ने पिछले वित्त साल के लिए हिंदुस्तान की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर 7.6 से 7.8 फीसदी के बीच कर दिया है. जनवरी में कंपनी ने वित्त साल 2023-24 में वृद्धि के 6.9 से 7.2 फीसदी की सीमा में रहने का संभावना व्यक्त किया था. डेलॉयट ने तिमाही के आर्थिक परिदृश्य में बोला कि राष्ट्र की जीडीपी वृद्धि वित्त साल 2024-25 में करीब 6.6 फीसदी और उसके अगले साल 6.75 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है. बाजार अपने निवेश तथा उपभोग निर्णयों में भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं को ध्यान में रखना सीख रहे हैं.

केंद्रीय बैंक ब्याज रेट में करेंगे कटौती 

डेलॉयट इण्डिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने बोला कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 2025 में एक समकालिक परिवर्तन देखने की आशा है क्योंकि प्रमुख चुनावी अनिश्चितताएं दूर हो जाएंगी और पश्चिम के केंद्रीय बैंक 2024 में बाद में कुछ दरों में कटौती की घोषणा कर सकते हैं. हिंदुस्तान में पूंजी प्रवाह में सुधार और निर्यात में उछाल देखने की भी आसार है. मजूमदार ने बोला कि मजबूत आर्थिक गतिविधि के दम पर पूर्वानुमानित अवधि में मुद्रास्फीति के आरबीआई के लक्ष्य स्तर चार फीसदी से ऊपर रहने का अनुमान है.

दुनिया की तुलना में बेहतर प्रदर्शन

मूडीज ने भी हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था 2024 में 6.1 फीसदी की रेट से बढ़ने का संभावना व्यक्त किया है. मूडीज एनालिटिक्स ने ‘एपीएसी आउटलुक: लिसनिंग थ्रू द नॉइज़’ शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में कहा, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया की अर्थव्यवस्थाओं में इस वर्ष सबसे मजबूत उत्पादन फायदा देखने को मिलेगा, लेकिन अंतरराष्ट्रीय महामारी के बाद देरी से वापसी के कारण उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ है. रिपोर्ट में बोला गया कि कुल मिलाकर यह क्षेत्र दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.

 

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