शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बीच कोटक के इस बयान से निवेशकों में जगी आशा
Uday Kotak on Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बीच बैंक क्षेत्र के कद्दावर उदय कोटक के बयान से निवेशकों में आशा जगी है। उन्होंने भारतीय बाजारों के उच्च मूल्यांकन को लेकर जताई जा चिंताओं पर बोला कि बाजार बुलबुले वाले क्षेत्र में नहीं हैं। उदय कोटक ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन में बोला कि बाजार में कुछ ‘शुरुआती उफान’ हो सकता है और यह ‘थोड़ा बुलबुलेदार’ हो सकता है, लेकिन यह नियंत्रण से बाहर नहीं है। प्राइवेट सेक्टर के कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक एवं गैर-कार्यकारी निदेशक कोटक का यह बयान सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के दो दिन पहले आए बयान के परिप्रेक्ष्य में जरूरी है। उन्होंने बोला था कि स्मालकैप और मिडकैप शेयरों में उफान की स्थिति है और सेबी इस बारे में एक संभावित परामर्श पत्र लाने की सोच रहा है। बुलबुले का बनते रहना मुनासिब नहीं होगा, क्योंकि जब यह फूटता है, तो निवेशकों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। यह अच्छी बात नहीं है। उनके बयान के बाद, शेयर बाजार बूरी तरह से टूट गया था।
चीजें नियंत्रण से बाहर नहीं: कोटक
उदय कोटक ने सेबी प्रमुख की मौजूदगी में बोला कि मेरा मानना है कि हम इस समय उस जोखिम के आसपास भी नहीं हैं और गंभीर बुलबुले वाले क्षेत्र में अपनी तुलना करने के लिए आज हमारे तंत्र में पर्याप्त नियंत्रण एवं संतुलन उपस्थित हैं। उन्होंने बोला कि बाजार में ‘शुरुआती उफान’ हो सकता है और यह ‘थोड़ा बुलबुलेदार’ भी हो सकता है, लेकिन चीजें नियंत्रण से बाहर नहीं हैं। जब तक हम नज़र रखते हैं और इसका अच्छी तरह से प्रबंधन करते हैं, हम आगे चलकर लगातार पूंजी निर्माण कर सकते हैं। इसके साथ कोटक ने निवेशकों के लिए चीजें अधिक स्पष्टत करने और प्राथमिकताओं के अनुरूप ठीक समूह को प्रोत्साहित करने के लिए परिसंपत्ति वर्गों के रूप में इक्विटी और बॉन्ड के बीच कराधान के मोर्चे पर अधिक गुणवत्ता की वकालत की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को व्यवस्थित करने के लिए रुपये को अमेरिकी $ के मुकाबले पसंदीदा विकल्प बनाने की वकालत करते हुए बोला कि हमें इस पर 10 वर्ष की योजना बनाने की आवश्यकता है।