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भारत की मौजूदा आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 2003-07 जैसी लग रही : स्टेनली

वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने भारतीय इकोनॉमी की तेज रफ्तार को लेकर बड़ी बात कही है. आपको बता दें कि अमेरिका की जानी मानी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने बोला है कि निवेश के दम पर आगे बढ़ रही हिंदुस्तान की मौजूदा आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 2003-07 जैसी लग रही है. उस समय आर्थिक वृद्धि रेट औसतन आठ फीसदी से अधिक थी. मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने यह बात कही है. मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट ‘द व्यूपॉइंट: इंडिया-व्हाई दिस फील लाइक 2003-07’ में बोला कि एक दशक तक जीडीपी के मुकाबले निवेश में लगातार गिरावट के बाद अब हिंदुस्तान में Capital expenditure वृद्धि के प्रमुख ड्राइवर के रूप में उभरा है.

निवेश बढ़ने से ग्रोथ की रफ्तार तेज हुई 

रिपोर्ट के मुताबिक, हमें लगता है कि कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकिल के लिए पर्याप्त गुंजाइश है और इसलिए वर्तमान तेजी 2003-07 के समान है. मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने बोला कि वर्तमान तेजी खपत की तुलना में निवेश बढ़ने के चलते है. आरंभ में इसे सार्वजनिक पूंजीगत व्यय से समर्थन मिला, लेकिन निजी पूंजीगत व्यय में भी वृद्धि हो रही है. इसी तरह खपत को पहले शहरी कंज़्यूमरों ने सहारा दिया और बाद में ग्रामीण मांग भी बढ़ी. अंतरराष्ट्रीय निर्यात में बाजार हिस्सेदारी बढ़ने और व्यापक आर्थिक स्थिरता से भी अर्थव्यवस्था को समर्थन मिला है.

जीडीपी के मुकाबले निवेश 34% तक पहुंचा

रिपोर्ट में बोला गया है कि हमारा मानना है कि मौजूदा तेजी जीडीपी के मुकाबले निवेश बढ़ने के चलते है. इसी तरह के वृद्धि चक्र में 2003-07 के दौरान जीडीपी के मुकाबले निवेश 27 फीसदी से बढ़कर 39 फीसदी हो गया था.’’ जीडीपी के मुकाबले निवेश 2011 तक अपने उच्चस्तर पर था, जिसके बाद इसमें गिरावट आई. यह गिरावट 2011 से 2021 तक देखने को मिली, हालांकि उसके बाद स्थिति बदलने लगी और अब जीडीपी के मुकाबले निवेश 34 फीसदी तक पहुंच गया है. रिपोर्ट में बोला गया कि वित्त साल 2026-27 तक इसके 36 फीसदी होने का अनुमान है.

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