भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहुंचा ऑल टाइम हाई
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है. 5 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 2.98 अरब $ का बढ़ोत्तरी दर्ज किया गया है. इस इजाफे के साथ राष्ट्र का विदेशी मुद्रा भंडार नए सर्वकालिक उच्चस्तर 648.56 अरब $ पर जा पहुंचा. आरबीआई (RBI) ने विदेशी मुद्रा भंडार का यह आंकड़ा शुक्रवार 12 अप्रैल, 2024 को जारी किया है.
ऑल टाइम हाई हुआ विदेशी मुद्रा भंडार
पिछले व्यवसायी हफ्ते में राष्ट्र का विदेशी मुद्रा भंडार 2.95 अरब $ बढ़कर 645.58 अरब $ पर पहुंच गया था, जो उस समय तक का सर्वकालिक उच्चतम स्तर था. इससे पहले सितंबर 2021 में राष्ट्र का विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 अरब $ रहा था, जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर था.भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 5 अप्रैल को समाप्त हुए हफ्ते में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रास आस्तियां 54.9 करोड़ $ बढ़कर 571.17 अरब $ हो गईं. $ के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का असर शामिल होता है.रिजर्व बैंक ने बोला कि समीक्षाधीन हफ्ते के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 2.39 अरब $ बढ़कर 54.56 अरब $ हो गया. रिजर्व बैंक ने बोला कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 2.4 करोड़ $ बढ़कर 18.17 अरब $ हो गया. रिजर्व बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन हफ्ते में अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास हिंदुस्तान की आरक्षित जमा भी 90 लाख $ बढ़कर 4.669 अरब $ हो गई.
लिक्विडिटी मैनेजमेंट के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप
आमतौर पर आरबीआई समय-समय पर रुपये में भारी गिरावट को रोकने के लिए $ की बिक्री सहित लिक्विडिटी मैनेजमेंट के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है. केन्द्रीय बैंक विदेशी मुद्रा बाजारों की बारीकी से नज़र करता है और किसी पूर्व-निर्धारित लक्ष्य स्तर या बैंड के संदर्भ के बिना, विनिमय रेट में अत्यधिक अस्थिरता को नियंत्रित करके सिर्फ़ व्यवस्थित बाजार स्थितियों को बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करता है