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भारतीय रेल ने वेटिंग लिस्ट टिकट के कैंसिलेशन से की मोटी कमाई

 

भारतीय रेल ने वेटिंग लिस्ट टिकट के कैंसिलेशन से मोटी कमाई की है. आंकड़े इसके गवाह हैं. वर्ष 2021 से लेकर जनवरी 2024 के दौरान रेलवे ने वेटिंग लिस्ट टिकट कैंसिलेशन से कुल 1229.85 करोड़ रुपये कमाए हैं. सूचना के अधिकार के अनुसार मांगी गई जानकारी में यह बात सामने आई है. आंकड़ों से यह बात भी पता चली है कि इस मद में रेलवे की कमाई हर वर्ष बढ़ती जा रही है. वर्ष 2021 में रेलवे ने करीब 2.53 करोड़ वेटिंग टिकट के कैंसिल होने पर 242.68 करोड़ रुपये कमाए. इसी तरह, वर्ष 2022 में 4.6 करोड़ ऐसे टिकट कैंसिल हुए जिससे दुनिया के सबसे बड़े नियोक्ता को 439.16 करोड़ रुपये का इनकम हुआ है.

साल 2023 में 505 करोड़ रुपये कमाए

खबर के मुताबिक, वर्ष 2023 में इंडियन रेलवे ने ऐसे कैंसिल 5.26 करोड़ टिकट से 505 करोड़ रुपये हासिल किए हैं. इसी तरह, जनवरी 2024 में 45.86 लाख वेटिंग लिस्ट टिकट कैंसिल हुए और इससे 43 करोड़ रुपये की इनकम हुई है. मीडिया न्यूज की समाचार के मुताबिक, लेटेस्ट आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले वर्ष दीपावली हफ्ते यानी 5 नवंबर से 17 नवंबर के बीच 96.18 लाख टिकट प्रभावित हुए. इसमें लगभग आधे यानी 47.82 लाख टिकट पैसेंजर्स की तरफ से कैंसिल किए गए जो हर तरह के कोटा से वेटिंग लिस्ट में थे. रेलवे ने इतने कैंसिलेशन चार्ज के तौर पर 10.37 करोड़ रुपये कमाए.

कैंसिलेशन में नॉन-रिफंडेबल चार्ज

यहां बता दें कि आरएसी/वेटलिस्ट टिकट के कैंसिलेशन पर प्रति पैसेंजर 60 रुपये नॉन-रिफंडेबल चार्ज काट लिया जाता है. इसी तरह, आईआरसीटीसी औनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदे गए ई-टिकट पर नॉन-रिफंडेबल चार्ज (नेट बैंकिंग या कार्ड से बुक करते समय) के तौर पर एसी क्लास में 30 रुपये देने होते हैं. इसी तरह, यदि आप यूपीआई से बुक किए गए ई-टिकट पर 20 रुपये चार्ज देने होते हैं.

नॉन-एसी क्लास में नेट बैंकिंग या कार्ड से बुक टिकट पर सर्विस चार्ज 15 रुपये है. यदि यूपीआई से बुकिंग होता है तो 10 रुपये सर्विस चार्ज देने होते हैं. यानी यह अनेक चार्ज टिकट कैंसिलेशन पर पैसेंजर्स को वापस नहीं किए जाते हैं. यह राशि रेलवे के लिए कमाई का जरिया बन जाती हैं.

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