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फॉर्च्यूनर और इनोवा से भी सस्ती मिलेगी Tesla की कार

अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) इस महीने के अंत में राष्ट्र में कम से कम 48 घंटे बिताने के लिए पहली बार हिंदुस्तान आ रहे हैं वैसे सभी की निगाहें इस पर हैं कि अरबपति मस्क पीएम मोदी (Narendra Modi) और इंडस्ट्री लीडर्स के साथ अपनी बैठक के दौरान क्या घोषणा करेंगे, टेस्ला (Tesla) प्रेमियों का केवल एक ही प्रश्न है : वे आखिरकार ‘मेक इन इंडिया’, किफायती ईवी (EV) कब चला पाएंगे?

एक सस्ता मॉडल 3, एंट्री-लेवल टेस्ला है, जिसे केवल बैटरी कंपोनेंट के लोकल मैन्युफैक्चरिंग और एक मजबूत ईवी सप्लाई सिस्टम के साथ ही चलाना संभव हो सकता है इसके लिए मस्क को राष्ट्र की अपनी पहली यात्रा के दौरान निश्चित रूप से एक जरूरी घोषणा करनी होगी अभी पूरे विश्व में टेस्ला की कीमतें लगभग एक जैसी ही हैं मॉडल 3 के बेस वेरिएंट की मूल्य 40,000 $ (करीब 33.5 लाख रुपये) से अधिक है

इंपोर्ट ड्यूटी खत्‍म होने से किफायती टेस्ला बनाना होगा संभव
मार्केट इंटेलिजेंस फर्म काउंटरपॉइंट रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट सौमेन मंडल के मुताबिक, टेस्ला द्वारा लोकल प्रोडक्शन स्थापित करने से इंपोर्ट ड्यूटी खत्‍म हो जाएगा, जिससे एक किफायती टेस्ला कार का मार्ग प्रशस्त होगा साथ ही, यदि राष्ट्र में निर्मित टेस्ला कारें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद कारों की तुलना में कम सुविधाओं के साथ आती हैं तो लागत में कमी हासिल की जा सकती है मंडल ने कहा कि फुल सेल्फ-ड्राइविंग (FSD) मोड के लिए जरूरी कुछ हार्डवेयर को खत्‍म किया जा सकता है और एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) लेवल 2 को शामिल किया जा सकता है

सालाना 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोडक्शन संभव
टेस्ला अंततः हिंदुस्तान में 20 लाख रुपये से प्रारम्भ होने वाले सालाना 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोडक्शन कर सकता है 20 लाख रुपये की कार बनाने के लिए टेस्ला के पास 50 हजार वाट से कम क्षमता वाला बैटरी पैक भी हो सकता है और इलेक्ट्रिक मोटर कम पावर की हो सकती है छोटे सेंटर डिस्प्ले के साथ गाड़ी में इलेक्ट्रॉनिक्स को भी कम किया जा सकता है इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टेस्ला 2030 तक हिंदुस्तान में कम से कम 3.6 अरब $ का रेवेन्यू जनरेट कर सकती है

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