एपल ने 600 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, ये दोनों प्रोजेक्ट बंद
अमेरिकी कंपनी एपल इंक ने अपने 600 से अधिक कर्मचारियों को जॉब से निकाल दिया है. कंपनी ने कार और स्मार्टवॉच डिस्प्ले प्रोजेक्ट बंद करने के बाद इन पर काम कर रहे एंप्लॉइज की छंटनी की है. मीडिया के मुताबिक, एपल ने कैलिफोर्निया एम्प्लॉयमेंट डेवलपमेंट डिपार्टमेंट को दिए भिन्न-भिन्न 8 फाइलिंग में यह जानकारी दी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि नेक्स्ट जनरेशन स्क्रीन डेवलपमेंट प्रोग्राम में गोपनीय प्लेस पर काम कर रहे 87 लोग और कंपनी के कार प्रोजेक्ट का हिस्सा रहे लोगों को कंपनी ने फायर किया है. कैलिफोर्निया में नियमों के अनुसार कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले हर निर्णय की जानकारी एम्प्लॉइज डिपार्टमेंट को देनी होती है.
प्रोजेक्ट बंद होने से 2000 एम्प्लॉइज प्रभावित
रिपोर्ट के मुताबिक, कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में एपल के मेन कार रिलेटेड ऑफिस में 371 कर्मचारियों के अतिरिक्त कई अन्य सैटेलाइट ऑफिस में लोगों की छंटनी हुई है. वहीं, कई लोगों को कंपनी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पर्सनल रोबोटिक्स डिपार्टमेंट्स में ट्रांसफर कर दिया गया है. इन प्रोजेक्ट्स के बंद होने के चलते करीब 2000 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं.
10 वर्ष काम किया लेकिन कार का प्रोटोटाइप भी नहीं बना सकी एपल
हाल ही में एपल ने अपने 10 वर्ष पुराने कार प्रोजेक्ट को बंद कर दिया है. कंपनी पिछले एक दशक में इस प्रोजेक्ट पर अरबों $ का इन्वेस्टमेंट किया, लेकिन इतने समय में कोई फिजिकल प्रोटोटाइप भी तैयार नहीं कर पाई थी.
वॉइस कमांड पर चलने वाली कार बनाना चाहती थी एपल
कंपनी पूरी तरह से ऑटोमैटिक और वॉइस कमांड पर चलने वाली कार बनाना चाहती थी. इसके लिए 2015 से प्रारम्भ हुए इस प्रोजेक्ट में अरबों $ इन्वेस्ट भी कर चुकी थी. यदि यह प्रोजेक्ट सफल हो जाता तो कंपनी 2028 तक एक लाख $ (करीब 82.90 लाख रुपए) की मूल्य में कार को लॉन्च कर सकती थी.
CEO टीम कुक पर प्रोजेक्ट बंद करने का दबाव था
एपल अपनी पहली EV के लॉन्चिंग डेट को 2019, 2020, 2026 और 2028 के लिए रीशेड्यूल कर चुकी थी. रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के बोर्ड इस बात को लेकर CEO टिम कुक पर प्रोजेक्ट पर जल्द कोई ठोस प्लान तैयार करने या प्रोजेक्ट को बंद करने का दबाव भी बना रहे थे.
जी एंटरटेनमेंट ने बेंगलुरु स्थित अपने टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन सेंटर (TIC) के 50% एम्प्लॉइज को जॉब से निकाल दिया है. कंपनी ने यह छंटनी कॉस्ट कटिंग यानी लागत में कटौती और अपने ऑपरेटिंग मार्जिन को बढ़ाने के लिए किया है. जी ने शुक्रवार को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इसके बारे में जानकारी दी है.