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ईरान-इजरायल के तनाव से ऑयल सप्‍लाई पर नहीं पड़ेगा असर

Iran Israel Conflict: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच ऑयल और गैस सप्‍लाई पर असर द‍िखाई देने की आसार कम है लेक‍िन ऊंचे दामों पर सट्टेबाजी करने वालों के कारण मूल्य में बढ़ोत्तरी हो सकता है 13 अप्रैल को ईरान की तरफ से इजरायल पर मिसाइल धावा क‍िये जाने के बाद कच्चे ऑयल की मूल्य 90 $ प्रति बैरल से अधिक हो गई थीं लेकिन ये कीमतें लंबे समय तक ट‍िक नहीं सकीं ओर गिरकर 87 $ पर आ गईं शुक्रवार को, तेहरान की तरफ से ईरान में हुए इजरायली हमलों की खबरों को कम करके बताने के बाद, ब्रेंट क्रूड की मूल्य में ग‍िरावट आई और यह ग‍िरकर 86.4 $ पर आ गईं इससे अब यह आशा की जा रही है क‍ि हालात और अधिक खराब नहीं होंगे

भारत आवश्यकता का 83% ऑयल आयात करता है

पेट्रोलियम म‍िन‍िस्‍टर हरदीप पुरी ने ओपेक के महासचिव हैथम अल-गहैस से करीब आधा घंटे टेलीफोन पर वार्ता की इस दौरान उन्होंने ऑयल बाजार की अस्थिरता और इससे पूरे विश्व में मूल्य पर पड़ने वाले असर पर चर्चा की आपको बता दें हिंदुस्तान अपनी आवश्यकता के 83% ऑयल के ल‍िए आयात करता है इसलिए मूल्य बढ़ने या अस्थिर बाजार से गवर्नमेंट के बजट पर असर पड़ता है पश्‍च‍िम एशिया में किसी भी तरह का तनाव हिंदुस्तान पर सीधा असर डालता है वर्ष 2023-24 में ही हिंदुस्तान ने यहां से 46% ऑयल आयात किया था

नेचुरल गैस और रसोई गैस का भी आयात
भारत अपनी आवश्यकता की करीब आधी नेचुरल गैस और रसोई गैस (LPG) का भी आयात करता है इनमें से ज्यादातर आयात कतर और सऊदी अरब क‍िया जाता है टाइम्‍स ऑफ इंड‍िया में प्रकाश‍ित समाचार के मुताबिक एक रिफाइनरी के बड़े अधिकारी ने कहा कि ऑयल की स्थिति पर दो तरह से असर पड़ता है यह इसकी आपूर्ति और मूल्य को लेकर होता है उन्‍होंने कहा क‍ि अभी तक कहीं पर भी ऑयल निकालने, उसे रिफाइन करने या लाने-ले जाने में क‍िसी तरह की कठिनाई नहीं आई है ऐसे में ऑयल लगातार म‍िल रहा है

मार्केट का सेंटीमेंट कभी भी बदल सकता है
उन्‍होंने बोला लेक‍िन यद‍ि मूल्य की बात करें तो बाजार सेंटीमेंट से चलता है बाजार का सेंटीमेंट कभी भी बदल सकता है सट्टेबाज किसी भी लड़ाई-झगड़े का लाभ उठाकर शीघ्र पैसा कमाना चाहते हैं यही कारण है क‍ि ईरान के मिसाइल हमले के बाद ब्रेंट क्रूड की मूल्य एक द‍िन में अचानक बढ़ गईं लेक‍िन जब इजरायल ने आशा के मुताबिक जवाबी धावा नहीं किया तो मूल्य नीचे आ गईं उन्होंने यह भी कहा कि जहाजों के किराये और बीमा की ऊंची मूल्य से रिफाइनिंग मुनाफे पर भी अधिक असर नहीं पड़ेगा

ऑयल सप्‍लाई में क‍िसी तरह का कोई कठिनाई नहीं
लेक‍िन ऊंची मूल्य का कारण यह है क्‍योंक‍ि तनाव के डर से र‍िस्‍क अधिक बताया जा रहा है उन्होंने कहा, ‘जैसे-ट्रेडर्स सेंटीमेंट का लाभ उठाते हैं, उसी तरह जहाज चलाने वाले और इंश्‍योरेंस कंपनियां भी करती हैं इस हालात में अधिक से ज्यादा, पश्‍च‍िम एशिया से ऑयल लाने पर प्रत‍ि बैरल 2-3 सेंट और लंबी दूरी से लाने पर 3-4 सेंट का फर्क पड़ सकता है रत्‍नाग‍िरी रिफाइनरीज और पेट्रोकेमिकल्स के सीईओ और एचपीसीएल के पूर्व चेयरमैन एमके सुराणा भी ऑयल सप्‍लाई में क‍िसी तरह का कोई कठिनाई नहीं देखते

उन्‍होंने कहा क‍ि बाजार पहले ही यूक्रेन जंग और इजरायल-गाजा लड़ाई को लेकर सामान्य हो चुका था अब ईरान की स्थिति से फिर से कठिनाई बढ़ने का डर है ये कठिनाई खबरों के उतार-चढ़ाव के साथ कम-ज्यादा होती रहती है एक्सपर्ट का बोलना है कि ऑयल की सप्लाई केवल तब रुक सकती है, जब ईरान स्‍ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद कर दे, जहां से पूरे विश्व का एक तिहाई ऑयल जहाजों से जाता है

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