इन सस्ते डिवाइसेस को बेचकर कंपनी करती है मोटी कमाई
How स्मार्टफोन Companies Make Profit: SmartPhone आज हमारी जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है. कंपनियां भी लगातार बाजार में प्रीमियम सेगमेंट से लेकर बजट रेंज में एक से बढ़कर एक SmartPhone लॉन्च कर रही हैं. यहां तक की कई चीनी ब्रांड तो भारतीय बाजार में हर महीने सस्ते टेलीफोन लॉन्च कर रहे हैं. 10 से 15 हजार रुपये के बजट में तो आजकल कई तगड़े फीचर्स वाले टेलीफोन उपस्थित हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन सस्ते डिवाइसेस को बेचकर कंपनी कैसे मोटी कमाई करती है. चलिए आज इसी के बारे में जानते हैं.
कैसे करती हैं कमाई?
बहुत से लोगों को आज भी लगता है कि ब्रांड को प्रॉफिट केवल हार्डवेयर से होता है लेकिन ऐसा एकदम भी नहीं है. केवल हार्डवेयर को कम करके ही नहीं बल्कि कंपनियां दूसरे उपायों से भी मोटा पैसे कमाती है. आपने कभी न कभी ये नोटिस किया होगा कि सस्ते टेलीफोन के UI में बहुत अधिक विज्ञापन देखने को मिलते हैं. दरअसल इन्हीं एड्स के जरिए SmartPhone कंपनियां अच्छी कमाई करती हैं.
ये है दूसरा तरीका
केवल विज्ञापन ही नहीं बल्कि कंपनियां टेलीफोन में थर्ड पार्टी ऐप्स को इंस्टॉल करके भी अच्छी कमाई कर लेती हैं. डिवाइस में ऐसी ऐप्स को इनस्टॉल कर देती हैं जिनकी यूजर्स को एकदम भी आवश्यकता नहीं है. हम सभी इन्हें ब्लोटवेयर के नाम से जानते हैं. यहां तक की कुछ ऐप्स तो टेलीफोन से डिलीट भी नहीं होते और ये ऐप्स नोटिफिकेशन के जरिए बहुत अधिक विज्ञापन भेजते रहते हैं.
कंपनियां ऐसे भी बचा लेती हैं पैसा
हार्डवेयर के साथ-साथ कंपनियां इन दो उपायों से भी अच्छी कमाई कर लेती हैं और सस्ते में डिवाइस को लॉन्च कर पाती हैं. हालांकि फालतू एड्स दिखाने और इन ब्लोटवेयर ऐप्स के चलते कई बार कंपनियों को ट्रोल भी किया गया है. सोशल मीडिया पर इनके कई Memes वायरल हुए हैं जिसकी वजह से हाल अभी कंपनियों ने इन स्मार्टफोन्स से एड्स को कम किया है. इसके अतिरिक्त कंपनियां सस्ते फोन्स में सॉफ्टवेयर अपडेट भी कम देती हैं जिससे उनका काफी पैसा बच जाता है.