इन म्यूचुअल फंडों ने निवेशकों को एक साल में बना दिया करोड़पति
Retail Investor in Share Market: बदलते समय के साथ बचत की तकनीक भी बदल गई है. पहले लोग सोना घर में रखते थे. इसके बाद पैसा इकट्ठा किया जाने लगा. फिर पैसा और सोना बैंक में जमा किया जाने लगा. जैसे-जैसे समय बदला, लोगों ने बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट करके अपना पैसा दोगुना करना प्रारम्भ कर दिया. अब वो सारे दिन चले गए, अब लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करके अच्छा पैसा कमा रहे हैं. यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यह जानकारी आपके काम आएगी.
पिछले एक वर्ष के दौरान शेयर बाजार ने नया रिकॉर्ड बनाया है. खुदरा निवेशकों द्वारा निवेश में वृद्धि और शेयर बाजार में तेजी के कारण मार्च 2024 के अंत में स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड श्रेणी में तेजी से वृद्धि हुई. इस अवधि के दौरान, स्मॉल-कैप श्रेणी की संपत्ति रु. 2.43 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हुई है. 83 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई. मार्च 2024 में फोलियो की संख्या 1.9 करोड़ तक पहुंच गई, जो एक वर्ष पहले 1.09 करोड़ थी. इसमें 81 लाख की बढ़ोतरी हुई. स्मॉल-कैप फंडों के प्रति निवेशकों के रुझान को दर्शाता है.
स्मॉल-कैप कंपनियां पूंजी बाजार से समर्थन चाहती हैं
, फायर्स के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) गोपाल कवाली रेड्डी ने बोला कि हिंदुस्तान की तेजी से बढ़ती आर्थिक गति लोगों को आकर्षित कर रही है. इसके कारण, कई गैर-सूचीबद्ध स्मॉल-कैप कंपनियां पूंजी बाजार से समर्थन मांग रही हैं. यह प्रवृत्ति निवेशकों को दीर्घकालिक विकास संभावनाओं पर नजर रखते हुए आशाजनक अवसर प्रदान करती है.
स्मॉल-कैप फंडों में, रु. 40,188 करोड़ की तरलता-
उन्होंने बोला कि हालांकि, आम चुनाव, मानसून पूर्वानुमान, आर्थिक गतिविधि, मुद्रास्फीति, जीडीपी अनुमान और वित्त साल 2024-25 के लिए आय वृद्धि जैसे कारक स्मॉल-कैप कंपनियों के मूल्यांकन को प्रभावित कर सकते हैं और इस सेगमेंट में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं. वित्त साल 2023-24 में स्मॉल-कैप फंडों में रु. की तुलना में 40,188 करोड़ रुपये का कारोबार देखा गया. 22,103 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है.
मार्च में भी, दो वर्ष में पहली बार स्मॉल-कैप फंडों में रु. 94 करोड़ की नेट सेलिंग देखने को मिली. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इण्डिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2023 के अंत में स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंडों की प्रबंधन के अनुसार संपत्ति (एयूएम) रुपये थी. 2.43 लाख करोड़ और मार्च 2022 के अंत में रु. 1.33 लाख करोड़. (भाषा)