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अर्जेंटीना में सरकारी कर्मचारियों को लगने वाला है बड़ा झटका

Layoffs in Argentina: आर्थिक संकट से जूझ रहे अर्जेंटीना (Argentina) में सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगने वाला है अर्जेंटीना में बड़ी छंटनी होने जा रही है एक साथ 70000 कर्मचारियों की जॉब जाने वाली है अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली (Javier Milei) राष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं आने वाले कुछ महीनों में अर्जेंटीना में 70 हजार लोगों की नौकरियां जाएगी

70 हजार सरकारी कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी 

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली (Javier Milei) आने वाले कुछ महीनों में देशभर में 70,000 से अधिक सरकारी कर्मचारियों की छंटनी करने वाले हैं बता दें कि अर्जेंटीना  लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है अर्थव्यवस्था दवाब में है ऐसे में राष्ट्र की इकोनॉमी से दवाब कम करने के लिए गवर्नमेंट ने छंटनी का निर्णय किया है

35 लाख सरकारी कर्मचारी

रिपोर्ट के अनुसार अर्जेंटीना में 35 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी है ऐसे में गवर्नमेंट की आशा है कि 70 हजार कर्मचारियों की छंटनी से बड़ा असर नहीं होगा बताया जा रहा है कि गवर्नमेंट 15 प्रतिशत के करीब कर्मचारियों का कॉन्टैक्ट रिन्यू नहीं करेगी  अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने बोला कि पिछले कुछ समय में राष्ट्र और दुनिया में बड़े पैमाने पर छंटनी हो रही है गवर्नमेंट पब्लिक सेक्टर में काम करने वाले  70 हजार कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त करने वाली है  हालांकि ये पहला मौका नहीं है, इसके पहले गवर्नमेंट 50,000 कर्मचारियों को जॉब से निकाल चुकी है रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2024 तक इन कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिए जाएंगे

 इन विभागों से कर्मचारियों की होगी छंटनी 

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के इस निर्णय के विरुद्ध कर्मचारी संगठनों ने विरोध प्रारम्भ कर दिया है जिन कर्मचारियों को बाहर निकालने पर चर्चा हो रही है, उनमें ह्यूमन कैपिटल, मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड इकोनॉमी, सोशल सिक्योरिटी एजेंसी,एनर्जी सेक्रिटेरियट जैसे सेक्टर से जुड़े हैं

कर्ज में डूबा अर्जेंटीना 

अर्जेंटीना भारी आर्थिक संकट में डूबा है  यहां महंगाई रेट 104 प्रतिशत के पार हो चुकी है बपंर महंगाई ने अर्जेंटीना को भारी गरीबी में धकेल दिया है 1900 के दशक में अमीरों का यह राष्ट्र आज भिखारियों का राष्ट्र बनता जा रहा है भारी कर्ज, मुद्रा संकट, उच्च मुद्रास्फीति ने इसकी अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है केंद्रीय बैंक भंडार तेजी से घट रहा है  विदेशी भंडार की कमी के बीच लड़खड़ाती करेंसी को संभालने के चलते गवर्नमेंट ने करेंसी घटा दी, अब गवर्नमेंट नौकरियों में कटौती कर रही है

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