वंदे हिंदुस्तान से जुड़ी कंपनी का शेयर मचा रहा तूफान
सप्ताह के दूसरे व्यवसायी दिन यानी मंगलवार को बाजार में सुस्ती के बीच टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) के शेयर रॉकेट बन गए. कारोबार के दौरान यह शेयर करीब 10 फीसदी की तेजी के साथ 691.55 रुपये पर पहुंच गया. कारोबार के अंत में शेयर की मूल्य 681.05 रुपये थी. यह एक दिन पहले के मुकाबले 7.42% की तेजी के साथ बंद हुआ.
कब से प्रारम्भ होगा प्रोडक्शन: वंदे हिंदुस्तान की स्लीपर कोच से सजी ट्रेनों का कॉमर्शियल प्रोडक्शन टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) के उत्तरपाड़ा प्लांट में जून, 2025 से प्रारम्भ होगा. TRSL के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बोला कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम बीएचईएल के साथ स्थापित गठजोड़ को रेलवे ने वंदे हिंदुस्तान स्लीपर ट्रेन के 80 सेट बनाने का काम सौंपा है. वंदे हिंदुस्तान की यह स्लीपर ट्रेन अभी तक परिचालन में उपस्थित वंदे हिंदुस्तान ट्रेन से अलग होगी. इसमें बैठने वाली सीटों की स्थान यात्रियों के सोने लायक सीट लगाई जाएंगी. गठजोड़ इस ट्रेन के 50-55 फीसदी कलपुर्जों का निर्माण बंगाल में ही करेगा. इस गठजोड़ में TRSL की हिस्सेदारी 52 फीसदी है.
कुल मूल्य 24,000 करोड़ रुपये: कंपनी के वाइस चेयरमैन एवं व्यवस्था निदेशक उमेश चौधरी ने बोला कि गठजोड़ को रेलवे से मिले इस ठेके का कुल मूल्य 24,000 करोड़ रुपये है जिसमें टीआरएसएल की हिस्सेदारी करीब 12,716 करोड़ रुपये की है. उन्होंने बोला कि इस अनुबंध को छह वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा. उन्होंने बोला कि वंदे हिंदुस्तान स्लीपर ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप दो वर्ष के भीतर तैयार कर लिया जाएगा. पहली आठ ट्रेनें पूरी तरह उत्तरपाड़ा संयंत्र में बनाई जाएंगी जबकि बाकी ट्रेनों को रेलवे के चेन्नई संयंत्र में असेंबल किया जाएगा.
वंदे हिंदुस्तान स्लीपर ट्रेन को इस तरह से बनाया जाएगा कि वह अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सके. उसमें 16 डिब्बे लगाए जाएंगे जिनमें कुल 887 यात्री एक साथ यात्रा कर पाएंगे. चौधरी ने बोला कि 120 वंदे हिंदुस्तान स्लीपर ट्रेन की आपूर्ति एक और गठजोड़ करने वाला है जिसमें रेल विकास निगम लिमिटेड और रूसी कंपनी टीएमएच शामिल हैं.