महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अमेरिका स्थित प्लांट में की भारी छंटनी, आधे से ज्यादा मजदूरों को किया बाहर

भारतीय ऑटो कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने नॉर्थ अमेरिका में स्थित प्लांट में भारी छंटनी की है। हालांकि यह छंटनी 2020 के मिड में की गई थी, जिसकी खबर अब आ रही है। कंपनी ने यह कदम कोरोना महामारी और स्थानीय कानूनी मामलों के चलते उठाया गया था। रॉयटर्स के मुताबिक यह संख्या स्पष्ट नहीं है, लेकिन 2020 के शुरुआत में प्लांट में 500 से अधिक कर्मचारी थे।
नॉर्थ अमेरिकी प्लांट के लगभग दो तिहाई कर्मचारियों को किया था बाहर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल के मिड तक महिंद्रा ऑटोमोटिव नॉर्थ अमेरिका (MANA) में सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी हुई थी। माना जा रहा है कि यह कंपनी के कुल कर्मचारियों का दो तिहाई हो सकता है। इसमें रोक्सर (Roxor) व्हीकल प्लांट के इंजीनियर और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े कर्मचारियों के साथ-साथ सेल्स अधिकारी शामिल थे।
महिंद्रा और फिएट के बीच पेटेंट प्रॉपर्टी के झगड़े का असर
माना (MANA) ने कहा कि कोरोना महामारी और इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन लॉसूट के एक ऑर्डर 'सीज एंड डीसिस्ट' के चलते यह कदम उठाया जा रहा है। इसके तहत कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा गया और छंटनी की गई। दूसरी ओर महिंद्रा और फिएट के बीच पेटेंट प्रॉपर्टी को लेकर झगड़ा चल रहा है, जिससे कंपनी अमेरिका में रोक्सर व्हीकल को बेच नहीं पा रही थी।
बाहर किए गए कर्मचारियों को दोबारा बुलाया जा सकता है
महिंद्रा ऑटोमोटिव नॉर्थ अमेरिका ने कहा कि इसके चलते कंपनी पर प्रोडक्शन रोकने का दबाव बना और कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ी थी। हालांकि, पिछले महीने ही कंपनी ने फिएट (FCA) के खिलाफ केस में जीत मिली। इससे रोक्सर व्हीकल को बेचने का रास्ता साफ हो गया है। इसको देखते हुए कंपनी ने कहा कि अब बाहर किए गए ज्यादातर कर्मचारियों को दोबारा बुला सकती है।
अमेरिकी इलेक्ट्रिक स्कूटर कारोबार के बाहर निकलने की योजना
कंपनी ने अमेरिकी इलेक्ट्रिक स्कूटर कारोबार से GenZe से बाहर निकलने का फैसला लिया है। इसके तहत कंपनी फोर्ट मोटर के साथ अपने जॉइंट वेंचर को खत्म करेगी। और अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए साउथ कोरिया की ऑटो कंपनी शेंगयोंग के साथ बातचीत कर रही है।