दो से तीन महीने के अंतराल पर भागलपुर में दो अभियंताओं के ठिकानों पर पड़े छापे
Bihar Corruption News: बिहार में करप्ट ऑफिसरों और कर्मियों पर आए दिन कार्रवाई होती रहती है। दो से तीन महीने के अंतराल पर भागलपुर में दो अभियंताओं के ठिकानों पर छापे पड़े। हाल में ही भागलपुर में एक कार्यपालक अभियंता विजिलेंस की रडार पर चढ़े और कई जिलों में एकसाथ अंधाधुन्ध छापेमारी की गयी। इस दौरान मूल्य के नकद और जेवरात सहित करोड़ों की जमीन के कागजात बरामद किए गए। बांका के विद्युत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के दानापुर (पटना), पूर्णिया, भागलपुर और बांका के ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने हाल में छापेमारी की तो दंग करने वाले खुलासे हुए। इंजीनियर ने जिस तरह काली कमाई से संपत्ति बनायी थी उसे देखकर सब दंग रह गए। वहीं बात काली कमाई की करें तो जुलाई महीने में भी एक अभियंता के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। पुल निर्माण निगम के सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर के ठिकानों पर रेड हुआ था। विजिलेंस छापेमारी में अभियंता के पास से डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक कैश बरामद हुए थे। साथ ही सोने-चांदी के जेवरात और जमीन वगैरह के कागजात बरामद किए गए थे।
बांका में बिजली विभाग के इंजीनियर ने बनायी अकूत संपत्ति
बांका के विद्युत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता विजिलेंस के रडार पर चढ़ गये। दानापुर (पटना), पूर्णिया, भागलपुर और बांका में इंजीनियर के ठिकानों पर अंधाधुन्ध छापेमारी की गयी। संजीव कुमार गुप्ता काफी वर्षों तक भागलपुर में असिस्टेंट इंजीनियर और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर रहे। छापेमारी में जो खुलासे हुए उससे लोग और इंजीनियर के सहकर्मी तक दंग रह गए। कार्यपालक अभियंता ने आठ वर्ष में आय से चार गुनी अधिक संपत्ति बना ली थी। एसवीयू ने 40 लाख रुपए नकद समेत चार करोड़ के नौ भूखंडों की जानकारी खंगाल ली। वेतन के रूप में अभियंता को लगभग 66 लाख रुपए मिले थे लेकिन एसवीयू ने छापा मारा तो कुल 7 करोड़ की चल-अचल संपत्ति बरामद की गयी। एक करोड़ रूपए आय से अधिक अर्जन करने का मुद्दा दर्ज किया गया था। जांच में ये और बढ़ गया और चार गुणी अधिक संपत्ति मिली।
भागलपुर में इंजीनियर ने बनाया था घर, ससुराल भी चमकने लगा
बांका के विद्युत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के दानापुर (पटना), पूर्णिया, भागलपुर और बांका के ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की छापेमारी से भागलपुर के बिजली इंजीनियरों में हड़कंप मची रही। उनके पिता पूर्णिया स्थित पैतृक घर में रहते हैं। पिता किराना का दुकान चलाते थे। दरअसल, अभियंता संजीव कुमार गुप्ता काफी वर्षों तक भागलपुर में असिस्टेंट इंजीनियर और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर रहे थे। इस कारण यहां के अधिकारी उन्हें करीब से जान रहे हैं। यहां रहते हुए ही उनकी विवाह हुई और उन्होंने भागलपुर में घर बनाया। गृहप्रवेश में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक शामिल हुए थे। अभियंता के ससुराल से करीब 27.5 लाख रुपये नकद, लाखों रुपये के आभूषण, आधा दर्जन प्रोपर्टी के कागजात और निवेश के कागजात बरामद किये गये। इसके अतिरिक्त ससुराल से ही एक चमचमाती नई लग्जरी कार, एक मोटरसाइकिल और एक स्कूटी भी बरामद की गयी। पूर्णिया में इंजीनियर के घर के आसपास के लोगों ने कहा कि संजीव कुमार गुप्ता की जॉब से पहले उनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। जॉब के बाद अपने गांव में मकान बनाया। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक उन्होंने गोआसी में जॉब के बाद लगभग ढाई बीघा जमीन खरीदी। इसके आलावा गांव में ही दो से ढाई कट्ठा जमीन में गोदाम बनवाया है।
भागलपुर में ही बिजली एसडीओ से एग्जीक्यूटिव में हुई थी पदोन्नति
अभियंता ने मधेपुरा स्थित नाना-नानी के घर रहकर पढ़ाई पूरी की थी। साल 2012 ई में उनकी जॉब लगी। आठ साल पूर्व संजीव कुमार गुप्ता बिजली विभाग में कनीय अभियंता के रूप में सहयोग दिया था। इसके बाद एसडीओ बने। कुछ साल पूर्व प्रोन्नति के बाद कार्यपालक अभियंता के पद पर कार्य कर रहे थे। भागलपुर में बिजली की फ्रेंचाइजी प्रबंध समाप्त होने के साथ संजीव कुमार गुप्ता का ट्रांसफर तिलकामांझी विद्युत सब डिवीजन में हुआ था। यहां उन्होंने बतौर असिस्टेंट इंजीनियर के रुप में सहयोग दिया था। कुछ महीनों के बाद ही उनका प्रोन्नति कार्यपालक अभियंता में हुई और उन्हें विद्युत डिवीजन, भागलपुर (पूर्वी) की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। वह काफी दिनों तक विद्युत डिवीजन, भागलपुर (पूर्वी) यानी, मायागंज बिजली ऑफिस में रहे। यहां उनका ट्रांसफर विद्युत डिवीजन, भागलपुर (शहरी) में कर दिया गया था। यहां भी वह करीब तीन वर्ष तक मोजाहिदपुर बिजली ऑफिस में रहे। यहां से ट्रांसफर के बाद उनको बांका भेजा गया था। वहां उन्हें सप्लाई के साथ प्रोजेक्ट का भी प्रभार मिला हुआ था।
पुल निर्माण विभाग के इंजीनियर के घर से करोड़ों कैश और जेवरात मिले
इससे पहले जुलाई महीने में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड, भागलपुर के सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर सह पथ निर्माण विभाग के प्रभारी कार्यपालक अभियंता श्रीकांत शर्मा के घर पर छापेमारी की गयी थी। विजिलेंस विभाग की टीम ने जब अभियंता के जोगसर थाना क्षेत्र के आदमपुर हनुमान नगर स्थित निजी मकान में छापेमारी की थी तो तीन ट्रॉली बैग में बंद करीब 98 लाख रुपये नकद, दो ट्रॉली बैग भर कर सोना और चांदी के जेवरात मिले थे, जिनकी मूल्य करीब साढ़े 67 लाख रुपये बतायी गयी थी। इसके अतिरिक्त टीम को छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये मूल्य के बिहार और दूसरे राज्यों के जमीन संबंधित कागजात भी मिले थे।बिहार और दूसरे राज्यों के जमीन संबंधित कागजात भी मिले थे जो इंजीनियर और उनकी पत्नी के नाम पर है। वहीं परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर लाखों रुपये के लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के कागजात भी बरामद किए गये थे। 24 कैरेटे के सोने का बिस्कुट और सोने का टुकड़ा भी पाया गया था। इंजीनियर श्रीकांत शर्मा 20 भू-खंडों के मालिक थे।