अगले बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रहे हैं प्रशांत किशोर
जमुई। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर दो दिनों के लिए जमुई जिले के दौरे पर हैं, जहां वह अपने समर्थकों के साथ अगले बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रहे हैं। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशांत किशोर ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए बोला कि जन सुराज की बढ़ती मजबूती से आरजेडी परेशान है। RJD के नेता बोला करते थे कौन है प्रशांत किशोर, वह तो बिजनेसमैन है। अब आरजेडी में नेताओं और कार्यकर्ताओं की भगदड़ मची हुई है। आरजेडी के नेतृत्व पत्र निकाल कर कार्यकर्ताओं से आग्रह कर रहे हैं कि वे दल छोड़कर ना भागें। तेजस्वी यादव के नाम पर वहां कोई टिकने वाला नहीं है। इस दौरान पीके ने यह भी बोला कि जन सुराज बिहार की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
भाजपा की बी टीम के प्रश्न पर प्रशांत किशोर ने बोला कि बी टीम मान रहे हैं न वो… थोड़े दिन में पता चल जाएगा कि कौन A टीम है और कौन B टीम। इस दौरान प्रशांत किशोर ने जदयू और नीतीश कुमार पर भी धावा बोला। प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि अगले विधानसभा चुनाव में जदयू अकेले लड़े चाहे एनडीए के साथ या महागठबंधन के साथ लड़े उसे रिज़ल्ट में मात्र बीस सीट ही आएगी। प्रशांत किशोर ने यह भी बोला कि वो स्वयं चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन आनें वाले 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
नीतीश कुमार पर पीके का तंज!
जन सुराज के संस्थापक ने बोला कि नीतीश कुमार सबको ठगे हैं, उन्होंने कई बार टेलीफोन किया कि वो फिर से साथ हो जाएं, लेकिन सियार फिर तरकुल के नीचे नहीं आने वाला। प्रशांत किशोर ने यह भी बोला कि यदि वह 2015 में नीतीश कुमार को कंधा नहीं दिए होते तो न नेता रहते न दल रहता और न विचारधारा रहता। यदि उस समय वो साथ नहीं दिया होता तो बीजेपी ने जदयू को रौंद कर समाप्त कर दिया होता। कुर्सी पर बने रहने के लिए जदयू के नेता और दल के लोग कुछ भी करने को तैयार हैं।
मैं कोई चाणक्य नहीं-प्रशांत किशोर
बिहार में अरविंद केजरीवाल का उदाहरण बनने पर प्रशांत किशोर ने बोला कि हमारी तुलना केजरीवाल से संपर्क केजरीवाल में कौन सा अभियान चलाया गांव-गांव में जाकर। प्रशांत किशोर ने स्वयं को चाणक्य होने से इनकार करते हुए बोला कि दो-चार-पांच चुनाव जीता देने से कोई चाणक्य नहीं बन जाता, चाणक्य तो सदियों में कोई एक विद्वान पैदा हुए हैं, जिनका कोई सानी नहीं है। बिहार सुधारने के लिए वह गांव-गांव घूम रहे हैं, लोगों को समझा रहे हैं, ताकि लोग चुनाव लड़ने के लिए सामने आएं, जिसके लिए जन सुराज हर तरह से योगदान करने को तैयार है।
पीके ने पुराना काम इसलिए छोड़ा
पश्चिम बंगाल में स्त्री चिकित्सक के साथ हुए अत्याचार की घटना को निंदनीय बताते हुए प्रशांत किशोर ने बोला कि जिन दलों को उन्होंने साथ दिया। 10 बर्षो में जिसकी भी गवर्नमेंट बनवाया वो दावा नहीं करते कि वो अच्छी गवर्नमेंट चला रहे हैं। यही कारण है कि सभी को छोड़ वो संकल्प लिया है कि जनता को राय दे जनता की सहायता करेंगे, ताकि समाज के अच्छे लोग आगे आएं।
बिहार की समस्याएं बहुत गंभीर
प्रशांत किशोर ने यह भी बोला कि बिहार में गरीबी के आंकड़े जितने दिखाए जाते हैं उससे अधिक भयावह स्थित है। यहां पर पलायन से कोई परिवार बचा नहीं है। परिवार की परिकल्पना समाप्त हो गई है और गांव में केवल महिलाएं दिखती हैं। बिहार में शिक्षा प्रबंध केवल खिचड़ी और डिग्री तक रह गई है। भूमि सुधार का कोई कोशिश नहीं हो रहा है। राष्ट्र में यदि 100 लोगों में 38 लोग भूमिहीन है तो बिहार में 100 लोगों में 60 लोगों में भूमिहीन हैं।
बिहार में बालू और अनाज की माफियागीरी
प्रशांत किशोर ने बोला कि जल संसाधन की परेशानी भी बिहार में इस तरह है, आधा बिहार जहां बाढ़ से परेशान हैं तो वहीं आधा सुखाड़ से। किसानों की परेशानी बढ़ी है, करप्शन जोरों पर है। लालू प्रसाद यादव के राज्य में अपराधियों का जंगल राज था वर्तमान में ऑफिसरों का जंगल राज है। बिहार को सीएम और पांच अधिकारी चला रहे हैं, बिहार में शराब बालू और अनाज की माफियागीरी चल रही है।