चमत्कार या शक्ति! 3 बार अष्टधातु की मूर्ति हुई चोरी पर आई वापस, जानें
बिहार के आरा में एक ऐसा मंदिर है, जहां से तीन बार अष्टधातु की बेशकीमती मूर्तियां चोरी हुई। लेकिन हर बार चोर वापस मूर्ति को स्वयं छोड़ जाते हैं। अब इसे आप क्या कहेंगे। ईश्वर का करिश्मा या कुछ और। यह मंदिर आरा प्रखंड के धर्मपुरा गांव में उपस्थित है। तकरीबन 100 वर्ष पुरानी ठाकुरबाड़ी है। बार-बार चोरी के बावजूद मूर्ति वापस आने के पीछे ग्रामीण ईश्वर की शक्ति बता रहे हैं।
मालूम हो कि 8 मई को ठाकुरबाड़ी के पुजारी मदन मोहन पांडेय रोज की तरह पूजा-पाठ करने के बाद अपने घर चले गए थे। इस दौरान आधी रात को आए अज्ञात चोरों ने राम-जानकी और लक्ष्मण की तीनों मूर्तियों को चुरा लिया था। तीनों मूर्तियों की बरामदगी छोटकी धर्मपुरा गांव स्थित झाड़ी से हुई है। चोरों ने मूर्तियों को पीले रंग के प्लास्टिक की बोरी में बांधकर छिपाया था। ईश्वर की प्रतिमा मिल जाने से क्षेत्रीय लोगों में हर्ष का माहौल है। इस बार प्रभु राम लक्ष्मण और सीता मइया का जल अभिषेक कर मूर्तियों का प्राण-प्रतिष्ठा कराया।तब मूर्तियों को वकायदा विराजमान कराया।भगवान की मूर्तियांमिल जाने से लोगों खुश तो हैं। कुछ लोग इसे श्रीराम का करिश्मा भी बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस ठाकुरबाड़ी से करीब 20 वर्ष पहले भी कुछ वर्षों के अंतराल पर दो बार मूर्तियों की चोरी हुई थी। उस समय भी मूर्तियों को चोर वापस मंदिर के आसपास स्वयं ही छोड़ गए थे। ग्रामीण इसे ईश्वर की महिमा बता रहे है।
100 वर्ष से अधिक पुराना है मंदिर
धर्मपुरा गांव का यह मठ करीब 100 वर्ष से अधिक पुराना है। लोगों का बोलना है कि मंदिर में पूजे जानी वाली तीनों मूर्तियां अष्टधातु की बताई गई है।जिसकी मूल्य लाखों में है। चोरों की नियत बार-बार खराब होती है। लेकिन हर बार चोर मूर्तियों को वापस छोड़ जाते है। इसके पीछे के कई कारण हो सकते है।पहला कारण ये सम्भव है कि चोरी की गई मूर्तियों के खरीदार नहीं मिलते होंगे। दूसरा कारण ये हो सकता है कि चोरी करने के बाद चोर किन्ही कारणों से कठिनाई में आते होंगे। तो उन्हें एहसास होता होगा कि ईश्वर की चोरी किये है इसलिए ऐसा होता होगा।