बिहार

बिहार की मंजूषा कलाकार को अमेरिका में रह रहे 800 भारतीय लोगों से सूप का मिला ऑर्डर

भागलपुर : लोक आस्था का महापर्व छठ की धूम अभी से ही मचने लगी है छठ बिहार का महा पर्व कहलाता है काफी धूमधाम से इस पर्व को मनाया जाता है लेकिन अब ये केवल अपने राज्य या राष्ट्र मे ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग मनाने लगे हैं इस पर्व को भागलपुर की एक कला और भी खास बना रही है

इस साल विदेशों में होने वाले छठ के लिए सूप भागलपुर से भेजा जा रही है खासकर इस पर अंग की मंजूषा कला दिखने को मिलेगी सूप की खूबसूरती को ये कला और भी बढ़ा देता है इसको तैयार कर रहे मंजूषा कलाकार मनोज पंडित ने कहा कि अमेरिका में रह रहे 800 भारतीय लोगों से इस सूप का ऑर्डर मिला है

जानिए क्या है मंजूषा कला

इतना ही नहीं राष्ट्र के भी कई राज्यों से इसकी डिमांड की गई है मंजूषा कला हिंदुस्तान की लोक कलाओं में एकमात्र ऐसी लोककला है जिसमें कहानी को क्रमिक और श्रृंखलाबद्ध ढंग से चित्रित किया गया है यह कला बिहुला विषहरी लोकगाथा पर आधारित है

मनोज पंडित अपने पूरे परिवार के साथ घर में इस खास सजावट वाली सूप को तैयार करने में जुटे हुए हैं यह कला तीन रंगों से तैयार होता है उसी तीन रंगों से सूप पर मंजूषा पेंटिंग की जा रही है मनोज पंडित, उनकी पत्नी सुमना और बेटे अमन सागर के साथ-साथ भागलपुर के एक दर्जन से अधिक मंजूषा चित्रकार इस सूप को तैयार करने में जुटे हुए हैं

अंग प्रदेश की पौराणिक सभ्यता और संस्कृति को करता है प्रदर्शित

जब News 18 की टीम उनके घर पर पहुंची तो मनोज पंडित ने कहा कि मंजूषा कला अंग प्रदेश की पौराणिक सभ्यता और संस्कृति को प्रदर्शित करता है हमें इस प्राचीन कला को विश्व पटल पर प्रदर्शित करना है छठ पर्व लोक आस्था का महापर्व है जिसे अब सिर्फ़ बिहार में ही नहीं देशभर के साथ-साथ विदेशों में भी लोग मानते हैं ऐसे में इसमें प्रयोग किए जाने वाले सूप पर यदि मंजूषा की आकृति उकेरी जाएगी तो भागलपुर की सभ्यता और संस्कृति दूर-दूर तक पहुंच जाएगी

भागलपुर में सूप की मूल्य लगभग 250 से 300

वहीं मनोज पंडित ने कहा कि पिछले साल भी अमेरिका में रह रहे भारतीय लोगों ने बिहार-झारखंड संगठन को एक हज़ार सूप का ऑर्डर दिया था लेकिन हम उसे पूरा नहीं कर पाए थे इस साल हम लोग समय से पहले ऑर्डर को उन तक पहुंचा देने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं

भागलपुर शहर में इस मंजूषा पेंटिंग वाले सूप की मूल्य लगभग 250 से 300 रुपय तक होगी वहीं अमेरिका भेजे जाने वाले सूप की मूल्य अभी तक तय नहीं की गई है मंजूषा पेंटिंग वाले सूप को दिल्ली के बिहारिका को भी भेजा जाएगा यहां पर बिहार के सभी प्रकार के आर्ट की बिक्री की जाती है

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