बिहार

फ्लोर टेस्ट से पहले लालू यादव की पार्टी आरजेडी को लगा तगड़ा झटका

Bihar Floor Test: बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले लालू यादव की पार्टी आरजेडी को तगड़ा झटका लगा है दरअसल, बिहार विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग से पहले RJD ने तीन विधायकों ने पाला बदल लिया अब आपके मन में प्रश्न होगा कि जब आरजेडी अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर चुकी थी तो उसके विधायकों ने ऐसा क्यों किया अच्छा जब सदन में विधायकों ने पाला बदल ही लिया है तो उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई हो सकती है क्या इन विधायकों की सदस्यता भी जा सकती है आइए जानते हैं कि व्हिप क्या होता है, व्हिप नहीं मानने वाले विधायकों पर क्या कार्रवाई होती है

व्हिप क्या होता है?

बता दें कि व्हिप कोई भी पार्टी अपने सदस्यों के लिए एक लिखित आदेश के रूप में जारी करती है, जो उनको सदन में मौजूद रहने और वोटिंग करने के बारे में निर्देश देता है व्हिप इसलिए जारी होता है, जिससे पार्टी के सदस्यों को मालूम रहे कि सदन में रहना है और किस मामले पर किसको वोट करना है व्हिप जारी होने के बाद सभी सदस्य पार्टी लाइन से बंध जाते हैं पार्टी का व्हिप उन्हें मानना ही पड़ता है

व्हिप कौन जारी करता है?

गौरतलब है कि हर पार्टी अपने एक मेंबर को चीफ व्हिप बनाती है पार्टी के सदस्यों के लिए चीफ व्हिप ही व्हिप जारी करता है अहम मौकों पर चीफ व्हिप से पार्टी की तरफ से व्हिप जारी करवाया जाता है उल्लेखनीय है कि व्हिप वो चीज होती है जिसके कारण लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा में विधायक, सांसद पार्टी लाइन से बंधे रहते हैं

व्हिप नहीं मानने पर क्या होती है कार्रवाई?

जान लें कि व्हिप की सहायता से पार्टी के सदस्यों को गाइड लाइन दिए जाते हैं यदि कोई व्हिप की अवमानना करता है या पार्टी लाइन से अलग जाकर यदि कोई सांसद या विधायक सदन में वोट करता है तो उसकी सदस्यता खतरे में पड़ जाती है व्हिप के विरुद्ध जाने के लिए उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा सकती है बता दें कि आज आरजेडी तीन विधायक प्रहलाद यादव, चेतन आनंद और नीलम देवी ने पाला बदला देखना होगा कि इन तीनों के विरुद्ध आरजेडी क्या कार्रवाई करती है

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