बिहार

अच्छी खबर! शोध और इंटर्नशिप को लेकर यूजीसी ने गाइड लाइन की जारी

 वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के लिए अच्छी समाचार है यहां पर चार वर्ष के स्नातक कोर्स में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को अब अध्ययन और इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा अध्ययन और इंटर्नशिप को लेकर यूजीसी ने दिशा-निर्देश जारी किया है यूजीसी से मिली दिशा-निर्देश के बाद वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी ने इसपर कार्य शरू कर दिया है यूजीसी ने दिशा-निर्देश के साथ ही यूनिवर्सिटी को अपने यहां इसके लिए महत्वपूर्ण ढांचा तैयार करने को बोला है साथ ही इसके लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने का आदेश भी दिया गया है नोडल अधिकारी भी उन्हें ही बनाना है,जिन्हें अध्ययन और इंटर्नशिप जैसे कामों में रुचि हो

इन क्षेत्रों में कर सकेंगे अध्ययन और इंटर्नशिप
यूजीसी ने स्नातक स्तर पर विद्यार्थियों को अध्ययन और इंटर्नशिप से जोड़ने के लिए जिन 16 प्रमुख क्षेत्रों को चुना है, उनमें एआई, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, आईटी आदि के साथ व्यापार और कृषि क्षेत्र, इकोनामी, बैंकिंग क्षेत्र, लाजिस्टिक, हैंडक्राफ्ट, आर्ट, डिजाइन और संगीत का क्षेत्र, हेल्थ केयर और लाइफ साइंस, पर्यटन और उससे जुड़ी सुविधाओं वाला क्षेत्र, मानवाधिकार, संचार, शिक्षा, पर्यावरण, कामर्स, मध्यम और छोटे उद्योग, रिटेल, खेल और फिजिकल एजुकेशन आदि शामिल हैं वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी से क्षेत्रीय स्तर पर चिह्नित किए गए क्षेत्रों के संबंध में सर्वे कराने के लिए भी बोला गया है, ताकि सभी की जरूरतों को पहचान सके और उसे मजबूती भी दे सके

 

मिलेगी ऑनर्स के साथ अध्ययन की डिग्री
मालूम हो कि अब स्नातक कोर्स चार साल का हो गया है चार साल की पढ़ाई के बाद विद्यार्थियों को ऑनर्स के साथ अध्ययन की डिग्री मिलेगी ऐसे विद्यार्थियों को पीजी भी एक वर्ष का करना होगा हालांकि इस दौरान विद्यार्थियों को केवल उन्हीं क्षेत्रों में अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो राष्ट्र के विकास को रफ्तार देने के लिए महत्वपूर्ण होंगे यूजीसी के अनुसार विद्यार्थियों को अध्ययन और इंटर्नशिप के लिए महत्वपूर्ण क्रेडिट अंक भी दिए जाएंगे इस दौरान इंटर्नशिप करने पर दो से चार क्रेडिट अंक तक मिलेंगे, जबकि अध्ययन करने पर 12 क्रेडिट अंक मिलेंगे इस दौरान एक क्रेडिट अंक के लिए विद्यार्थियों को कम से कम 30 घंटे तक उस क्षेत्र में देना होगा नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार विद्यार्थियों को स्नातक स्तर पर ही अध्ययन को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए चार वर्षीय स्नातक प्रोग्राम में इसे जोड़ा गया है

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