पटना गंगा नदी के जलस्तर बढ़ने से किनारे घाट की सीढ़ियों पर पहुंचा पानी
Bihar Flood News: लगातार हो रही बारिश से पिछले चार दिनों से पटना में गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। गंगा किनारे घाट की सीढ़ियों पर पानी पहुंच गया है। गांधी घाट पर जलस्तर खतरे के निशान के करीब है। दीघा में जनार्दन घाट, पाटी पुल के नीचे तक पानी पहुंच कर रास्ते पर आ गया है। इससे आवाजाही बाधित है। गंगा नदी का पानी बीएन कॉलेज के घाट की सीढ़ियों तक पहुंच गया है। गंगा रिवर फ्रंट के रास्ते पर पानी होने से लोगों को कठिनाई हो रही है। इधर, सोन सोता नदी में बाढ़ का पानी आने से मनेर के इस्लामगंज गांव का आवागमन बाधित है। लोगों को पानी में घुसकर आना-जाना पड़ रहा है।
बिहार में बारिश का दौर जारी रहेगा
उधर, केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक बागमती, कमला बलान और कोसी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच चुका है। राज्य की शेष नदियों गंगा, घाघरा और सोन सहित अन्य नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के नीचे है। वहीं, मंगलवार-बुधवार के दरम्यान बिहार में औसतन 48 एमएम बारिश हुई। यह इस सीजन की एक दिन में सर्वाधिक है। बिहार में बुधवार तक 391.5 एमएम बारिश हो चुकी है। बिहार में बारिश का दौर जारी रहेगा।
उत्तर बिहार की नदियां खतरे के निशान से ऊपर
उत्तर बिहार की नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा है। वाल्मीकिनगर गंडक बराज से पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों में बाढ़ आ गयी है। सीतामढ़ी में बागमती, लालबकैया और अधवारा समूह की नदियों में उफान है। कोसी, सीमांचल और अंग क्षेत्र में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
कोसी, सीमांचल और अंग क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त
लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी, सीमांचल और अंग क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कोसी, गंगा, महानंदा और उसकी सहायक नदियां उफान पर है। गंगा कई जगहों पर खतरे के निशान के करीब है, तो कोसी नदी का पानी निचले हिस्सों में फैल चुका है। कुछ जगहों पर अस्पताल, विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र में बारिश का पानी घुस गया है। सड़कें धंस गयी हैं। बांध पर भी दबाव है। बिजली के पोल और तार गिरने से कई क्षेत्रों में बिजली गुल रही। सुपौल में तटबंध सुरक्षा को लेकर अभियंता चिंतित नजर आ रहे हैं। वहीं तटबंध के अंदर पानी फैल गया है। किशनपुर प्रखंड क्षेत्र में दुबियाही मुख्य सड़क पर दो फुट बह रहा है।
सीमांचल और भागलपुर, मुंगेर में तबाही
अररिया में रतवा और बकरा नदियों के जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गयी है। भागलपुर की ज्योति विहार कॉलोनी में 33 हजार वोल्ट लाइन का पोल गिरने से पूर्वी शहर की बिजली रात 10 बजे से ठप हो गयी। सूर्यलोक कॉलोनी में 11 हजार वोल्ट लाइन का तार टूटकर गिरने से विक्रमशिला फीडर ब्रेकडाउन हो गया। टीएमबीयू के हॉस्टल में पानी घुस गया, इसके कारण विद्यार्थियों ने हॉस्टल खाली कर दिया। पूर्णिया में घरों के अंदर किचन तक पानी घुस गया है। मुंगेर में बारिश के कारण जमालपुर रेल कारखाना के डब्ल्यू आरएस वन शॉप में कामकाज ठप रहा। कारखाना के अंदर पानी फैल गया है।
मुंगेर और कटिहार का संकट
मुंगेर से बरियारपुर तक राष्ट्रीय उच्च पद 80 का अस्तित्व संकट में है। कटिहार में लाल निशान के करीब महानंदा का जल स्तर पहुंच गया है। रामपुर-गवालटोली बजरंगवली मंदिर से बाघमारा-पंचखुटी गांवों को जोड़ने वाले नवनिर्मित सड़क पर एक फुट पानी का बहाव हो रहा है। महानंदा नदी का जलस्तर अधिकतर स्थानों पर चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है। मधेपुरा के बिहारीगंज प्रखंड क्षेत्र की बीड़ीरणपाल पंचायत के वार्ड एक में चापाकल के पास गड्ढे में डूबने से एक बच्चे की मृत्यु हो गयी।
56 में से 27 फाटक को खोल दिया गया
बुधवार की सुबह छह बजे बराह क्षेत्र में एक लाख 42 हजार 250 क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में मापा गया। शाम छह बजे एक लाख 22 हजार 650 क्यूसेक पानी मापा गया। कोसी बराज पर दो लाख पांच हजार 370 क्यूसेक पानी मापा गया। जल स्तर बढ़ने से नेपाल स्थित पूर्वी तटबंध के 25.25 और 24. 78 किमी स्पर पर दबाव बना हुआ है। जलप्रवाह को सामान्य करने के लिए नदी के 56 में से 27 फाटक को खोल दिये गया है। भारतीय प्रभाग के पूर्वी कोसी तटबंध के 07.85 किमी, 16. 30 किमी, 22.40 किमी स्पर के साथ साथ 68. 30 किमी स्पर पर बढ़ते जल स्तर का दबाव कहा जा रहा है। पश्चिमी तटबंध के 39.75 एवं 40.995 किमी स्पर, सहरसा जिले के 117.15 पर दबाव के कारण सामान्य से अधिक दबाव है।
बागमती नदी के जल स्तर में तेजी से बढ़ोतरी
बारिश से नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मुजफ्फरपुर के कटरा में बागमती नदी के जल स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। कटरा प्रखंड की 14 पंचायतों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। पानी के दबाव के कारण पीपा पुल बह गया है। पूर्वी चंपारण में लाल बकेया और बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती का पानी पताही प्रखंड के एक दर्जन गांवों में फैलने लगा है। कई सड़कों पर पानी बह रहा है। इससे आवागमन में कठिनाई होने लगी है।
कमला नदी खतरे के निशान से ऊपर
उधर, मधुबनी के झंझारपुर में कमला नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मधेपुर में कमला नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी है। झंझारपुर में कमला के दोनों तटबंधों तक पानी भर गया है। इससे कटाव भी प्रारम्भ हो गया है। सीतामढ़ी जिले में बागमती, लालबकैया और अधवारा समूह की नदियों में उफान आ गया है। सुरसंड और परिहार प्रखंड के कई गांवों के सरेह में पानी फैल गया है। लहुरिया गांव में सड़क टूटने से आवागमन प्रभावित हो गया है।गंडक नदी में वाल्मीकिनगर गंडक बराज से बीती रात तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद निचले इलाकों में बाढ़ आ गयी है। कई क्षेत्र जलमग्न हो गये हैं।