डाउन नाॅर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस बक्सर में हुयी बेपटरी, जिसमे 6 लोगो की मौत जबकि 100 लोग घायल
Bihar Train Accident: बिहार में बड़ा रेल दुर्घटना हुआ है। बुधवार की रात 9.45 बजे 12506 डाउन नाॅर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस (North East Express) बक्सर (Buxar Rail Accident) के आगे रघुनाथपुर में बेपटरी हो गयी। इस हादसे में ट्रेन के 23 डिब्बे पटरी से उतर गये। आधा दर्जन डिब्बे पलट गये और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह तक 6 लोगों की मृत्यु की पुष्टि की गयी है। इस हादसे में करीब 100 लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। वहीं गुरुवार को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। नाॅर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस आनंद बिहार टर्मिनल से आ रही थी। डुमरावं और बिहिया के बीच रघुनाथपुर स्टेशन के पास यह दुर्घटना हुआ है। रेलवे ने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। घायलों को भिन्न-भिन्न अस्पतालों में भर्ती किया गया है। इस वर्ष 2023 में ओडिसा के बालासोर में हुए रेल हादसे के बाद यह दूसरा बड़ा दुर्घटना है। ट्रेन के अंदर यात्रा कर रहे यात्रियों ने पूरी घटना के बारे में बताया कि कैसे ट्रेन की बोगियां अचानक पलट गयीं।।
जानिए कैसे हुआ हादसा।।
12506 डाउन नाॅर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे यात्रियों ने इसकी आपबीती बतायी है। आनंद बिहार से कटिहार जाने वाले परनीत ने कहा कि ट्रेन मुगलसराय तक एकदम ठीक चली। नार्थ इस्ट एक्सप्रेस के यात्री सोने की तैयारी कर रहे थे। ट्रेन जब बक्सर स्टेशन से आगे बढ़ी तो लोग भोजन करके अब अपनी सीट पर आराम की मुद्रा में आ चुके थे। बोगी के भीतर सबकुछ सामान्य था। कुछ लोग अंदर मोबाइल में गेम खेल रहे थे तो कुछ फिल्म देख रहे थे। अगला स्टॉपेज आरा था। 130 किमी प्रति घंटा की गति से ट्रेन चल रही थी। अचानक रात 9 बजकर 45 मिनट पर ट्रेन से जोरदार आवाज आयी। जबतक लोग कुछ समझ पाते, कई डिब्बे पटरी से उतर गए। चीख-पुकार की आवाज आने लगी। ट्रेन में जब झटका लगा तो लोगों को लगा कि शायद कोई जानवर टकरा गया हो। लेकिन फिर उन्हें यह महसूस होने लगा कि ट्रेन हादसे का शिकार हो चुकी है। कई लोग डिब्बे से बाहर निकलने की प्रयास में रहे लेकिन गेट का लॉक ही नहीं खुल रहा था। अंदर बोगी से सभी चीख-चिल्ला रहे थे। वहीं अन्य बोगियों के यात्री किसी तरह बाहर निकले और देखा कि ट्रेन की कई बोगियां पलट चुकी हैं।
23 डिब्बे पटरी से उतर गये
इस हादसे में ट्रेन के कुल 23 डिब्बे पटरी से उतर गये, जिनमें से छह डिब्बे पलटकर क्षतिग्रस्त हो गये। इसके अतिरिक्त एक डिब्बा दूसरे डिब्बे पर चढ़ गया। इस घटना में छह लोगों की मृत्यु हो गयी, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में 80 से 100 लोगों की स्थिति गंभीर है। 22 घायलों को देर रात पटना भेजा गया। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। कहा जाता है कि रघुनाथपुर स्टेशन गुमटी के पास जब ट्रेन पहुंची तो प्वाइंट चेंज करने के दौरान तेज झटके ट्रेन में लगे। क्रॉसिंग के पास पेंट्री कार और उसके बगल के दो कोच पलट गये थे। इस हादसा में बिजली के कई पोल और तार क्षतिग्रस्त हो गये। बता दें कि हादसे की वजह अभी आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आयी है। उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
ग्रामीणों को पता चला तो बन गए देवदूत
इस रेल हादसे में राहत की बात ये रही कि दुर्घटना किसी सुनसान स्थान पर नहीं बल्कि रघुनाथपुर स्टेशन पर हुआ। ट्रेन जब बेपटरी हुई तो बिजली का तार टूट गया और इससे प्लेटफॉर्म समेत आसपास में अंधेरा पसर गया। स्टेशन रात में सुनसान था। हादसे के दौरान तेज आवाज हुई तो आवाज को समझने के लिए लोग घरों से निकले। स्टेशन पर अंधेरा रहने की वजह से कुछ समझ में उन्हें नहीं आया लेकिन जब स्टेशन के पास गए तो समझ गए कि रेल दुर्घटना हुआ है। लोग बोगियों से चिल्ला रहे थे। इसकी सूचना फौरन प्रशासन को दी गयी और ग्रामीण स्वयं रेस्क्यू में जुट गये। ये ग्रामीण देवदूत बनकर आए। देखते-देखते स्टेशन के आसपास के कैंथी, पोखराहा, राजपुर, ढनढनपुर, भरखरा, रहथुवा, बाबूडेरा, राजपुर और ब्रह्मपुर के ग्रामीण मौके पर पहुंचे गये। ग्रामीणों ने अपने-अपने मोबाइल की टॉर्च जलायी। देखते-ही-देखते ही 500 से अधिक मोबाइल के टॉर्च मौके पर जलने लगी।ग्रामीणों ने फिर जेनरेटर का व्यवस्था किया।आगे प्रशासनिक टीम आयी और रेस्क्यू प्रारम्भ कर दिया गया। बिहिया के रहने वाले वसंत कुमार ने कहा कि उन्हें वॉट्स ग्रुप से ट्रेन हादसा की सूचना मिली। सूचना मिलते ही वे अपने दस दोस्तों के साथ स्कार्पियो से घटना स्थल की ओर रवाना हो गये। अपने साथ उन्होंने मेडिकल कीट भी रखा था। वसंत ने कहा कि जब वे घटना स्थल पर पहुंचे, तो वहां चीख पुकार मची हुई थी। उनके आने से पहले ही आस पास के गांव के लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंच कर सहायता में जुटे हुए थे।