नहीं करना पड़ेगा बारिश का इंतजार, इस विधि से करें धान की खेती
जलवायु बदलाव का दुष्प्रभाव खेती किसानी पर भी देखा जा रहा है। जहां प्रत्येक साल मानसून के सीजन में जमकर बारिश होती थी, वहीं इस बार किसान अपेक्षित बारिश नहीं होने से चिंतित हैं। इन सब के बीच एक किसान है जो जलवायु के अनुकूल खेती करता है। पूर्वी चंपारण जिले के पिपरा कोठी प्रखंड के पंडितपुर पंचायत के बेलवरिया के किसान दुर्गा सिंह ने पूरे खेत में डायरेक्ट सोइंग विधि से धान की बुआई बिना रोपाई के की है। बारिश कम होने की स्थिति में भी फसल की स्थिति अच्छी है।
पानी की कमी और लेबर प्रॉब्लम
किसान दुर्गा सिंह कहते हैं कि जिस तरह से पानी की कमी से किसान जूझ रहे हैं, उस हालात में डायरेक्ट सोइंग विधि किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। वे कहते हैं कि उनके यहां सीआरए प्रोजेक्ट चल रहा है। जिसके अनुसार किसानों को नि:शुल्क DSR मशीन, बीज एवं कीटनाशक मौजूद कराया गया है। वहीं दूसरी ओर बिल गेट्स फाउंडेशन द्वारा उनके खेत में जलमापक यंत्र लगाया गया है, जिससे खेत में नमी की मात्रा कितनी है और कब पानी की जरूरत होगी, इसकी जांच की जाती है। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र पिपराकोठी की देखरेख में यह संचालित हो रहा है।
समय से खरपतवार का नियंत्रण
किसान बताते हैं कि यदि आप डायरेक्ट सोइंग विधि से धान की बुआई कर रहे हैं, तो इस तरह की खेती में खरपतवार का नियंत्रण समय से कर देते हैं तो यह सबसे उपयुक्त विधि है। इसके लिए किसान को सतर्क रहना होगा। समय से खरपतवार का नियंत्रण करना होगा। समय-समय पर कृषि वैज्ञानिक की राय के मुताबिक कार्य करना होता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी किसान को नयी तकनीक से खेती करनी हो तो उन्हें पूर्वी चंपारण के पिपरा में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पिपराकोठी में संपर्क करना चाहिए। यहां विभिन्न विद्याओं के वैज्ञानिक खेती से संबंधित राय देते हैं एवं कृषि की नयी तकनीकी मौजूद कराते हैं।