उपसभापति हरिवंश ने पद्मश्री की पुस्तक ‘भारत विभाजन और पाकिस्तान के षड्यंत्र’ का किया लोकार्पण
रांची: राज्सभा के उपसभापति हरिवंश ने पद्मश्री बलबीर दत्त की पुस्तक ‘भारत विभाजन और पाक के षड्यंत्र’ का लोकार्पण किया। रांची के चेंबर भवन में आयोजित पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बोला कि यह पुस्तक अथक साधना, शोध, तप, शोध और संधान के बाद बनी है। बलबीर दत्त की पहचान भी वही है। बहुत डूबकर, खोजकर, शोध और अध्ययन के बाद वो चीजों को लिखते हैं। उसी क्रम में इस पुस्तक की रचना की गयी है। यह पुस्तक नई पीढ़ी के लिए और वैसे सभी लोगों के लिए उपयोगी है, जो अपने काम को अच्छी तरह से संपन्न करना चाहते हैं। यह हमारे अतीत ही नहीं, वर्तमान और भविष्य को भी प्रभावित करता है। हरिवंश ने बोला कि बलबीर दत्त का जन्म पाक के लाहौर में हुआ। विभाजन के दंश को उन्होंने करीब से देखा है। इसलिए उनकी पुस्तक में प्रामाणिकता और दर्द साफ झलकता है। इतिहास लेखन में बहुत सारी चीजें छोड़ दी गयी हैं। हमें इतिहास को समझने के लिए बहुत सारे दृष्टिकोण रखने चाहिए क्योंकि ब्रिटेन और बाकी राष्ट्र हिंदुस्तान का विभाजन कराने में जुटे हुए थे। आज भी जब बड़े मौके आते हैं, तो पश्चिम के राष्ट्र किसी भी रूप में यह नहीं चाहते हैं कि पूर्व के राष्ट्र अपनी ताकत और अस्मिता के साथ दुनिया के शीर्ष पर पहुंचें।
बलबीर दत्त और सुरेंद्र किशोर के पास प्रामाणिक दस्तावेज
राज्सभा के उपसभापति हरिवंश ने पुस्तक लोकार्पण के मौके पर बोला कि राष्ट्र में दो ही पत्रकार मुझे मिले, जिनके पास निजी तथ्य हैं। प्रामाणिक डॉक्यूमेंट्स हैं। एक बलबीर दत्त हैं और दूसरे पटना के सुरेंद्र किशोर हैं। बलबीर दत्त ने अपनी पुस्तक में प्रामाणिकता के साथ लिखा है कि राष्ट्र के बंटवारे में जिन्ना एक माध्यम थे। औजार थे। वैसे अंग्रेजों ने अपनी लंबी योजना के अनुसार मुसलमान लीग की स्थापना करायी थी। पुस्तक रहस्य और रोमांच से भरा हुआ है। उन्होंने बोला कि इतिहास लेखन में बहुत सारी चीजें छोड़ दी गयी हैं। हमें इतिहास को समझने के लिए बहुत सारे दृष्टिकोण रखने चाहिए क्योंकि ब्रिटेन और बाकी राष्ट्र हिंदुस्तान का विभाजन कराने में जुटे हुए थे। आज भी जब बड़े मौके आते हैं, तो पश्चिम के राष्ट्र किसी भी रूप में यह नहीं चाहते हैं कि पूर्व के राष्ट्र अपनी ताकत और अस्मिता के साथ दुनिया के शीर्ष पर पहुंचें और उसमें पाक उनका साझेदार बनता है।
भारत विरोध के वजूद पर टिका है पाकिस्तान
हजारों सालों की सभ्यता वाला हिंदुस्तान उनकी आंखों में चूभता रहता है और यही कारण है कि हमेशा से इसे कमजोर करने की षड्यंत्र होती रही है। राज्सभा के उपसभापति हरिवंश ने बोला कि उसका माध्यम पाक बनता है। हिंदुस्तान विरोध के वजूद पर पाक टिका है। जब बलबीर दत्त की पुस्तक को पढ़ेंगे, तो इसके प्रमाण मिलेंगे।
बलबीर दत्त की पुस्तक है वर्तमान और भविष्य का दर्पण
हरिवंश ने बलबीर दत्त की पुस्तक को वर्तमान और भविष्य का दर्पण बताया। उन्होंने बोला कि पुस्तकें ही जीवन, समाज और राष्ट्र को बदलती हैं। इस पुस्तक में एक मैसेज आज के पत्रकारों के लिए भी है कि किस तरह से प्रामाणिकता के साथ चीजें लिखी जाती हैं। सभी को बलबीर दत्त से प्रेरणा लेनी चाहिए कि कैसे एक पत्रकार भाषा और तथ्यों को लेकर सजग होता है।
इतिहास के पुनर्लेखन की जरूरत: बलबीर दत्त
अपनी पुस्तक हिंदुस्तान विभाजन और पाक के षड्यंत्र के लोकार्पण के मौके पर पद्मश्री बलबीर दत्त ने बोला कि अब समय आ गया है कि इतिहास का पुनर्लेखन किया जाना चाहिए। बहुत सारे तथ्य इतिहास में छूट गये हैं। उसे समय और नई पीढ़ी के सामने लाया जाना चाहिए। उन्होंने बोला कि हम सभी जानते हैं कि पाक के विभाजन के पीछे मोहम्मद अली जिन्ना का हाथ है, लेकिन इस बात को बहुत कम ही लोग जानते हैं कि जिन्ना तो सिर्फ़ एक मोहरा थे। इस खेल के पीछे तो अंग्रेजों का हाथ रहा है। ऐसे कई तथ्य आज भी इतिहास में दबा दिए गए हैं, जिनको आज सामने लाने की दरकार है।
विभाजन का दंश जिसने करीब से देखा, वही दर्द समझ सकता है: इंदर सिंह नामधारी
झारखंड के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने बोला कि विभाजन के दंश को जिसने करीब से देखा है, उसके दर्द को वही समझ सकता है। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्र का विभाजन हो रहा था, उस समय वह मात्र 7 वर्ष के थे और बलबीर दत्त 12 वर्ष के थे। हम दोनों ने विभाजन को करीब से देखा है। उस मंजर को हम कभी नहीं भूल सकते हैं। कैसे लोगों का कत्लेआम कर दिया जा रहा था। पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में उन्होंने मौजूदा राजनीति पर चिंता जाहिर की और बोला कि यदि राष्ट्र को आगे ले जाना है, तो धर्म और जाति की राजनीति से ऊपर उठना होगा।
लोकार्पण कार्यक्रम में ये थे मौजूद
रांची के चेंबर भवन में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में राज्सभा सांसद महुआ माजी, रांची यूनिवर्सिटी के विद्यालय ऑफ मास कम्यूनिकेशन के निदेशक विनोद कुमार समेत अन्य उपस्थित थे।